उत्तराखंड में ट्रेकिंग करने गए बंगाल के 5 लोगों की हुई मौत, विमान से शव कोलकाता लाए गए

कोलकाता : हर्षिल-छितकुल की ट्रैकिग के दौरान बंगाल के पांच ट्रैकरों की मौत हो गई थी। उनके शवों को सोमवार की सुबह विमान से कोलकाता लाया गया। मृतकों के घरों में मातम पसरा हुआ है। उत्तराखंड में ट्रेकिंग के दौरान मारे गए पश्चिम बंगाल के पांच ट्रैकरों के शव सोमवार को कोलकाता हवाई अड्डे पर काफिन में लौटा। हवाई अड्डे पर परिवार को लोगों को उनके शव सौंप दिए गये। हर्षिल-छितकुल की ट्रैकिग के दौरान इन ट्रैकरों की मौत हो गई थी। उत्तराखंड सरकार से सूचना मिलने के बाद बंगाल सरकार की एक टीम शवों को लेने उत्तरकाशी पहुंची थी और पांच ट्रैकर के शव लेकर दिल्ली के लिए रवाना हुई।

दिल्ली से विमान द्वारा शवों को आज सुबह कोलकाता लाया गया। मृतकों में हावड़ा के बागनान के तीन, ठाकुरपुकुर के एक और नदिया के राणाघाट के एक निवासी शामिल हैं। मृतकों में तन्मय तिवारी (30), विकास मकाल (33), सौरभ घोष (34), सवियन दास (28), रिचर्ड मंडल (30) और सुकेन मांझी (43) शामिल हैं। पारिवारिक सूत्रों के अनुसार सुंदरडुंगा घाटी से पांच शव बरामद किए गए थे। पांचों 11 अक्टूबर को घर से निकले थे।

बीते 14 अक्टूबर को 17 सदस्यीय दल हर्षिल से हिमाचल प्रदेश स्थित छितकुल के लिए ट्रैकिंग को रवाना हुआ था, दल में आठ ट्रैकर, एक गाइड, दो रसोइए और छह पोर्टर शामिल थे। 17 अक्टूबर को भारी बर्फबारी के कारण लम्खागा पास के निकट दल के 11 सदस्य फंस गए, जबकि छह पोर्टर रात को बिना बताए भाग निकले और छितकुल पहुंचे। 21 अक्टूबर को हेलीकाप्टर ने लम्खागा क्षेत्र में रेस्क्यू किया गया था। उत्तरकाशी जिला अस्पताल में पांच शवों को पोस्टमार्टम किया गया। उसके बाद उनके शव बंगाल भेज दिए गये।

उल्लेखनीय है कि उत्तराखंड में रविवार रात से करीब तीन दिनों तक लगातार भारी बारिश हुई। उत्तराखंड में भारी बारिश के बाद आई आपदा में मरने वालों की संख्या 68 हो गई है जबकि 24 अन्य लोग घायल हुए थे। मृतकों के पार्थिव शरीर को उनके घरों में पहुंचाया गया। मृतकों के घरों में मातम पसरा हुआ है। हरिदेबपुर कबरडांगा स्थित तन्मय तिवारी के घर में मातम छाया हुआ था। 5 नवंबर को तन्मय का जन्मदिन था।

जाने से पहले उसने जन्मदिन की बड़ी पार्टी करने के लिए कहा गया था। घरवालों से पता चला कि तन्मय की शादी के लिए लड़की देख रहे थे, लेकिन घरवालों ने सोचा भी नहीं था कि ऐसा हो जाएगा। वह मामा सुखेन मांझी के साथ ट्रैकिंग करने गया था। मामा सुखेन मांझी का शव अभी तक नहीं मिला है। परिजनों ने सरकार से सुखेन के शव को जल्द से जल्द बरामद करने की गुहार लगाई है।

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