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2024 Election : विपक्षी दलों को गोलबंद करने में जुटे केसीआर

हैदराबाद। तेलंगाना के मुख्यमंत्री के. चंद्रशेखर राव यानी केसीआर एक बार फिर विपक्षी दलों की गोलबंदी के काम में जुट गए हैं। संसद के मॉनसून सत्र से पहले केसीआर ने कई विपक्षी दलों के नेताओं से बात की है और उन्हें एनडीए के खिलाफ एकजुट करने की कोशिश की है। तेलंगाना राष्ट्र समिति के मुखिया केसीआर ने आम आदमी पार्टी के संयोजक अरविंद केजरीवाल, पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी, एनसीपी के मुखिया शरद पवार से फोन पर बात की है और एनडीए सरकार के खिलाफ राष्ट्रव्यापी प्रदर्शन करने को लेकर चर्चा की है।

केसीआर ने कुछ महीने पहले शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे और सीपीएम और सीपीआई के भी बड़े नेताओं से मुलाकात की थी। केसीआर के बारे में यह लंबे वक्त से कहा जा रहा है कि वह मुख्यमंत्री की कुर्सी अपने बेटे के. तारक रामाराव को सौंपकर राष्ट्रीय राजनीति में आना चाहते हैं। उनकी कोशिश 2024 के लोकसभा चुनाव से पहले बीजेपी-कांग्रेस से इतर एक अलग सियासी मोर्चा बनाने की है और इसके लिए वह तमाम विपक्षी दलों को एक मंच पर लाकर फेडरल फ्रंट बनाना चाहते हैं।

एनडीटीवी के मुताबिक, केसीआर ने बिहार विधानसभा में विपक्ष के नेता तेजस्वी यादव, समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव, तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन के करीबियों और कुछ और अन्य विपक्षी दलों के नेताओं से भी बात की है। सूत्रों के मुताबिक, केसीआर ने देशभर में प्रदर्शन के लिए सभी विपक्षी राजनीतिक दलों से सहयोग मांगा है और उन्हें इसका सकारात्मक जवाब भी मिला है।

एक वक्त में एनडीए का समर्थन कर चुके टीआरएस के मुखिया केसीआर जानते हैं कि तेलंगाना में उनकी चुनावी लड़ाई अब बीजेपी से ही होनी है। तेलंगाना में अगले साल मई में विधानसभा के चुनाव होने हैं और बीजेपी राज्य में तेजी से अपना विस्तार करने में जुटी है। केसीआर ने कुछ दिन पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को सबसे कमजोर और अयोग्य प्रधानमंत्री बताया था। उन्होंने कहा था कि यह बेहद जरूरी है कि मोदी सरकार को जाना चाहिए और एक गैर बीजेपी सरकार को केंद्र की सत्ता में आना चाहिए।

बता दें कि केसीआर ने 2019 के लोकसभा चुनाव से पहले भी यूपीए से अलग हटकर विपक्षी दलों का एक फ्रंट बनाने की कोशिश की थी लेकिन तब उन्हें इसमें कामयाबी नहीं मिली थी। देखना होगा कि क्या इस बार उनकी कोशिश रंग लाती है। केसीआर के अलावा पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी भी यूपीए से हटकर विपक्षी दलों का एक फ्रंट बनाने की कोशिश में जुटी हैं और उन्होंने भी कुछ महीने पहले कई नेताओं से मुलाकात की थी।

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