“विप्लवी संवाद दर्पण” की संगोष्ठी में 20 पुस्तकें व दो पटकथा सीडी विमोचित

तारकेश कुमार ओझा, खड़गपुर। 45वें अंतर्राष्ट्रीय कोलकाता पुस्तक मेले में जंगल महल के प्रतिष्ठित समाचार पत्र “विप्लवी संवाद दर्पण” का पुस्तक प्रकाशन एवं संगोष्ठी कार्यक्रम आयोजित किया गया। इस अवसर पर साहित्यिक सेमिनार और स्मारक पुरस्कार भी प्रदान किया गया। अंतर्राष्ट्रीय पुस्तक मेला परिसर के प्रेस कॉर्नर सभागार में आयोजित इस कार्यक्रम में हिडको के एमडी और एमकेडीए के अध्यक्ष देवाशीष सेन, उर्मिला सेन, आनंद पुरस्कार प्राप्त नलिनी बेरा, जयंती सारा, आशीष गिरी, निदेशक, ऑल इंडिया रेडियो की निदेशक रीना गिरी, पूर्व निदेशक सुखेंदु दास।

अपोलो अस्पताल के सीनियर सर्जन शुद्धसत्व चट्टोपाध्याय, टाइम्स ऑफ इंडिया के प्रबंध संपादक-सह-निदेशक शेख मोहम्मद अली, दक्षिण पूर्व रेलवे के पूर्व पीआरओ पल्लब मुखर्जी और बंगाल नेशनल चैंबर ऑफ कॉमर्स के अध्यक्ष चंदन बसु, गायक प्रसन्न, गीतकार अनिंद मुखर्जी, एबीपी इंडिया हेड अब्दुल रफीक, चित्र नाट्य निर्देशक देवाशीष बंद्योपाध्याय, प्रमुख साहित्यकार सुनील मांझी, अचिंत मारिक, तपन साहा, कवि मृदुल दासगुप्ता तथा कलाकार सोमनाथ विश्वास समेत बड़ी संख्या में बुद्धिजीवी उपस्थित थे।

समारोह के प्रमुख आकर्षण के तौर पर तारापीठ के मुख्य पुजारी प्रबोध बंद्योपाध्याय, डॉ. शुभेंदु विकास चक्रवर्ती, उर्मिला बसु आदि भी मौजूद रहे। इस अवसर पर लगभग बीस पुस्तकों और दो पटकथा सीडी का विमोचन किया गया। कार्यक्रम का संचालन आरजे शाश्वती डे, न्यूज एडिटर दीपान्विता जाना, सायनी दत्त, विवेकानंद रॉय, देव कुमार दत्त, सर्वाणी घोड़ाई और सुनील चावड़ी आदि ने किया। अपने संबोधन में वक्ताओं ने मौजूदा दौर में तकनीकी और प्रौद्योगिकी के बढ़ते प्रभाव के बीच पुस्तकों की उपयोगिता और दीर्घजीविता पर व्याख्यान प्रस्तुत किया।

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