प्रोफेसर व परीक्षक की लापरवाही के कारण अधर में लटका 30 हजार विद्यार्थियों का भविष्य

मालदा। लगभग 30 हजार परीक्षार्थियों का भविष्य अनिश्चित हो गया, क्योंकि एक परीक्षक की लापरवाही से बीए तृतीय सेमेस्टर की दस उत्तर पुस्तिकाएं गायब हो गईं। संबंधित विश्वविद्यालय के अधिकारियों के प्रारंभिक अनुमान है कि गौरबंग विश्वविद्यालय के तहत उस कॉलेज के एक प्रोफेसर और परीक्षक की उदासीनता के कारण यह घटना हुई। हालांकि इस संबंध में परीक्षक ने विश्वविद्यालय पर उनके साथ बदसलूकी करने का आरोप लगाया है। गौरबंग विश्वविद्यालय के अधिकारियों ने स्पष्ट रूप से सूचित किया है कि परीक्षक की शिकायत पूरी तरह से निराधार है और उनकी गलती के कारण 10 परीक्षार्थियों के तीसरे सेमेस्टर की बांग्ला उत्तर पुस्तिकाएं गायब हो गई हैं।

गौरबंग विश्वविद्यालय के नियंत्रक विश्वरूप सरकार ने सोमवार दोपहर इस मामले में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस कर कहा कि एक परीक्षक की गलती की कीमत 30 हजार परीक्षार्थियों को चुकानी पड़ेगी। तीसरे सेमेस्टर की 10 उत्तर पुस्तिकाएं कैसे गायब हो गईं, यह स्पष्ट नहीं हो सका है। मामले की जानकारी विश्वविद्यालय की परीक्षा निगरानी समिति के साथ-साथ उच्चाधिकारियों को भी दे दी गई है। अब उन्हें फैसले का इंतजार करना होगा।

गौरतलब है कि कुछ दिन पहले गौरबंग यूनिवर्सिटी के कुछ प्रोफेसरों के बीच नोकझोंक की घटना हुई थी। मालदा के एक कॉलेज के प्रोफेसर को वहां कथित तौर पर प्रताड़ित किया गया। फिर वह प्रोफेसर कुलपति के घर के सामने कुछ देर धरने पर बैठे। इस घटना के पीछे इस खाते के खो जाने की बात छिपी हुई है, आज की घटना के संदर्भ में यह सामने आई है। नियंत्रक बिस्वरूप सरकार ने पत्रकार वार्ता बुलाकर बताया कि तृतीय सेमेस्टर की परीक्षा समाप्त होने के बाद 17 मार्च को उत्तर पुस्तिकाएं जमा करने की तिथि निर्धारित थी। लेकिन उस दिन परीक्षक गौरबंग विश्वविद्यालय का खाता जमा करने नहीं आया। बाद में 20 मार्च को गौरबंग विश्वविद्यालय के अधिकारियों ने खाता लाने के लिए परीक्षक को एक कार भेजी।

लेकिन कार को खाली हाथ लौटा दिया। फिर 24 मार्च को परीक्षक ने खुद आकर तीसरे सेमेस्टर की बंगाली उत्तर पुस्तिका जमा की। लेकिन उनमें दस उत्तर पुस्तिका गायब हैं। प्रोफेसर विश्वरूप सरकार ने कहा कि इस संबंध में बोलने गये तो परीक्षक ने प्रोफेसर साथ बदसलूकी की और सभी पुस्तिकाओं को कार्यालय कक्ष में बिखरा कर चले गये। अब 10 रोल नंबरों के खाते का कोई पता नहीं चल रहा है। तीसरे सेमेस्टर का रिजल्ट तैयार करने में दिक्कत आ गई है। यदि 10 लोगों का खाता नहीं होगा तो परिणाम प्रकाशित करने में अत्यधिक समस्या होगी। उम्मीदवारों के भविष्य का मामला हैं। इसलिए पूरे मामले से उच्चाधिकारियों को अवगत करा दिया गया है। अब हमें उच्चाधिकारियों के फैसले का इंतजार करना होगा।

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