युवा पीढ़ी और कानून का भय : एक चिंतन

अशोक वर्मा “हमदर्द”, चांपदानी। आज के समाज में एक गंभीर और चिंताजनक समस्या यह उभर कर सामने आई है कि युवा पीढ़ी में कानून का भय कम हो रहा है। इसका सबसे भयानक परिणाम उन जघन्य अपराधों के रूप में देखने को मिल रहा है, जिनमें बलात्कार जैसे घृणित कृत्य प्रमुख हैं। सवाल उठता है कि क्या आज के युवाओं को कानून और समाज की सख्त नीतियों का भय नहीं रह गया है या फिर यह समस्या कहीं और गहराई में छिपी है?

एक समय था जब कानून का नाम सुनते ही लोग सजग हो जाते थे, लेकिन आज की युवा पीढ़ी में उस सजगता की कमी दिखाई देती है। इसका एक प्रमुख कारण नैतिकता और मूल्यों का ह्रास है। आज के बच्चे और युवा उस दिशा में प्रेरित हो रहे हैं, जहाँ उनका ध्यान केवल भौतिक सुख-सुविधाओं और व्यक्तिगत इच्छाओं की पूर्ति पर केंद्रित है। परिवारों और समाज में जिस तरह की परवरिश हो रही है, उसमें नैतिक शिक्षा का अभाव स्पष्ट रूप से देखा जा सकता है।

इसके साथ ही, इंटरनेट और सोशल मीडिया का अंधाधुंध उपयोग भी युवाओं को असंवेदनशील बना रहा है। हिंसा और अश्लीलता का जो प्रचार-प्रसार ऑनलाइन प्लेटफॉर्म्स पर होता है, वह उन्हें मानसिक रूप से विकृत कर सकता है। इसके परिणामस्वरूप युवा अपनी भावनाओं और यौन इच्छाओं को काबू में नहीं रख पाते और अपराध की तरफ बढ़ जाते हैं।

हालांकि, इस समस्या के लिए केवल युवा ही जिम्मेदार नहीं हैं। समाज में न्याय प्रणाली की ढिलाई और अपराधियों को मिलने वाली धीमी सज़ा भी एक प्रमुख कारण है। कई बार अपराधी वर्षों तक न्याय की प्रक्रिया में उलझे रहते हैं और उन्हें सजा नहीं मिलती। इससे समाज में यह संदेश जाता है कि कानून का भय उतना प्रभावी नहीं है।

इन सबके बीच सबसे बड़ा सवाल यह उठता है कि इस समस्या का समाधान कैसे हो? सबसे पहले परिवारों और शैक्षणिक संस्थानों को नैतिक और सामाजिक मूल्यों पर ध्यान देना होगा। युवाओं को यह सिखाने की जरूरत है कि हर कार्य के परिणाम होते हैं, और यदि वे अपराध की राह चुनते हैं, तो उन्हें सख्त सज़ा का सामना करना पड़ेगा। इसके साथ ही, न्याय प्रणाली को और अधिक तेज और प्रभावी बनाना होगा, ताकि अपराधियों को जल्द से जल्द सजा मिले और समाज में एक उदाहरण स्थापित हो सके।

इसके अलावा, समाज में जागरूकता फैलाने और युवाओं को सही दिशा दिखाने की जिम्मेदारी सभी की है। युवा पीढ़ी को समझाना होगा कि कानून का पालन करना न केवल उनकी जिम्मेदारी है, बल्कि यह उनके और समाज दोनों की सुरक्षा का माध्यम भी है। समाज में बलात्कार जैसी घटनाओं के बढ़ने के पीछे कई कारण हो सकते हैं। कुछ प्रमुख कारण निम्नलिखित हैं:

1. संस्कारों की कमी : समाज में नैतिक और सामाजिक मूल्यों की गिरावट हो रही है। परिवार और शैक्षणिक संस्थानों में सही मार्गदर्शन और शिक्षा की कमी से युवाओं में अनुशासन और जिम्मेदारी का अभाव हो सकता है।

2. कानूनी प्रक्रिया की कमजोरी : भारत में कई बार कानूनी प्रक्रिया धीमी होती है और अपराधियों को कड़ी सज़ा नहीं मिलती। इससे अपराधियों में कानून का डर कम हो जाता है।

3. महिलाओं के प्रति नकारात्मक सोच : समाज में महिलाओं के प्रति गलत धारणाएँ और उनके प्रति असम्मान की भावना बलात्कार जैसे अपराधों को बढ़ावा देती है। महिलाओं को कमजोर और वस्त्र के रूप में देखने की सोच अपराधियों को प्रोत्साहित करती है।

4. पोर्नोग्राफी और मीडिया का असर : पोर्नोग्राफी और कुछ फिल्मों/शो में महिलाओं को वस्तु के रूप में दिखाने से युवाओं में महिलाओं के प्रति गलत धारणाएँ बन सकती हैं, जिससे उनके व्यवहार में हिंसा और उत्पीड़न की प्रवृत्ति बढ़ सकती है।

5. मानसिक विकार और हताशा : मानसिक स्वास्थ्य समस्याएँ और असामाजिक व्यक्तित्व विकार भी इस प्रकार के अपराधों को जन्म दे सकते हैं।

6. सामाजिक असमानता और लैंगिक भेदभाव : समाज में महिलाओं के साथ हो रहे भेदभाव और असमानता भी एक बड़ा कारण है।

इन समस्याओं से निपटने के लिए समाज में शिक्षा, जागरूकता, और नैतिक मूल्यों का प्रसार बहुत जरूरी है। साथ ही, कानूनी प्रक्रिया को भी अधिक सख्त और प्रभावी बनाने की आवश्यकता है।

समाज में बदलाव लाने के लिए शिक्षा, न्याय और संस्कारों का तालमेल बेहद जरूरी है। तभी हम एक ऐसा समाज बना पाएंगे, जहाँ हर व्यक्ति कानून का सम्मान करेगा और अपराधों से बचने का प्रयास करेगा। युवा पीढ़ी को कानून का भय नहीं है, यह कहना पर्याप्त नहीं है। असल में, यह समाज और परिवार की जिम्मेदारी है कि वे उन्हें सही मार्ग दिखाएं और यह सुनिश्चित करें कि कानून का पालन करने से ही एक सुरक्षित और सभ्य समाज का निर्माण संभव है।

    अशोक वर्मा “हमदर्द”, लेखक /कवि

ताज़ा समाचार और रोचक जानकारियों के लिए आप हमारे कोलकाता हिन्दी न्यूज चैनल पेज को सब्स्क्राइब कर सकते हैं। एक्स (ट्विटर) पर @hindi_kolkata नाम से सर्च करफॉलो करें।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

20 − six =