वेब डेस्क, कोलकाता। सेंट्रल टीचर एलिजिबिलिटी टेस्ट (Central Teacher Eligibility Test, CTET) भारत में टीचिंग प्रोफेशन शुरू करने के लिए पास करना जरूरी है। इस टेस्ट को पास करने बाद सरकारी स्कूल में निकली टीचर की वैकेंसी के लिए अप्लाई कर सकते हैं। इसके अलावा सभी सेंट्रल गवरमेंट टीचिंग जॉब्स (Central Government Teaching jobs) के लिए भी अप्लाई कर सकते हैं। CTET पेपर 1 elementary (classes I-V) और सेकंडरी लेवल (VI to VIII) के लिए होता है।
सरकारी स्कूल में टीचर बनने के लिए ये क्वालीफाइंग एग्जाम है। इसे पास करने के बाद ही नौकरी के लिए अप्लाई कर सकते हैं। इसके साथ ही बहुत से प्राइवेट स्कूलों में नौकरी के लिए भी ये एग्जमा पास करना जरूरी है। हालांकि ये प्राइवेट स्कूलों पर निर्भर है कि वे अपने यहां नौकरी के लिए मांगी गई क्वालीफिशेन में इसे शामिल करते हैं या नहीं।
CTET सेंट्रल एग्जाम है। इसी एग्जाम की तरह हर एक स्टेट का अपना TET एग्जाम होता है। जैसे कि बिहार TET, हरियाणा TET, MP TET इत्यादि। कुछ राज्यों ने अपने यहां भी CTET का मान्य करार दिया है। वे अपने राज्य में नौकरी के किए मान्य बताते हैं। CTET का पेपर 1 पास कर प्राइमरी टीचर का एंट्रेंस देने के लिए एलिजिबल होते हैं।
नौकरी के लिए होने वाला एंट्रेंस टेस्ट पास करने के बाद चुने जाने वाले कैंडिडेट्स को मिलने वाला वेतन हर एक राज्य में अलग होता है। CTET पेपर 2 पास कर सेकंडरी लेवल क्लास VI से VIII तक के टीचर बनने के लिए एलिजिबल होते हैं। सीटीईटी पास करने के बाद सरकार की ओर से निकाली गई वैकेंसी के मुताबिक एंट्रेंस देना होता है। नौकरी के लिए होने वाला एंट्रेंस पास करने के बाद सेकंडरी लेवल टीचर को मिलने वाला वेतन राज्य के मुताबिक अलग अलग होता है।