लखनऊ। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और 18वीं विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष मनाेनीत किये गये समाजवादी पार्टी (सपा) के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने सोमवार को विधानसभा में बतौर विधायक शपथ ग्रहण की। नवगठित विधानसभा के प्रोटेम स्पीकर रमापति शास्त्री ने यहां दिन में 11 बजे विधानसभा की बैठक शुरु होने पर पहले योगी और फिर इसके बाद अखिलेश को शपथ दिलायी। शास्त्री ने इसके उपरांत योगी सरकार के नवनियुक्त मंत्रियों को शपथ दिलाने का सिलसिला शुरू किया।
इस क्रम में उन्होंने सबसे पहले फतेह बहादुर सिंह और फिर उपमुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक काे शपथ दिलायी। अन्य मंत्रियों को भी विधायक के रूप में एक-एक कर शपथ दिलायी जा रही है। गौरतलब है कि 25 मार्च को ही राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने नवगठित योगी मंत्रिमंडल को पद एवं गोपनीयता की शपथ ग्रहण करायी थी। मंत्रियों के बाद सभी नवनिर्वाचित विधायकों को भी आज शपथ दिलायी जायेगी। विधानसभा की बैठक शुरू होने से पहले योगी ने भरोसा जताया कि नये सदस्यगण शपथ ग्रहण कर उत्तर प्रदेश के विकास में अपना योगदान देने का संकल्प भी लेंगे।
विधानसभा परिसर पहुंचने पर उन्होंने कहा, “18वीं विधानसभा के लिये नवनिर्वाचित सदस्यों का शपथ ग्रहण आज होगा। देश के सबसे बड़े राज्य की विधानसभा अपने नवनिर्वाचित सदस्यों के स्वागत के लिये तैयार है। आज विधायक शपथ लेकर संविधान के अनुरूप उप्र के विकास में अपने योगदान का संकल्प लेंगे। मुझे विश्वास है कि सदन की मर्यादा और परंपरा का पालन करते हुए सदन की कार्रवाई को शांतिपूर्ण तरीके से आगे बढ़ाने और आने वाले समय में उत्तर प्रदेश के समग्र विकास में सभी सदस्यगण रुचि लेकर उसे आगे बढ़ाने का काम करेंगे।”
उल्लेखनीय है कि प्रोटेम स्पीकर शास्त्री नवनिर्वाचित विधायकाें को शपथ ग्रहण कराने के बाद मंगलवार को विधानसभा अध्यक्ष का चुनाव कराकर 18वीं विधानसभा के गठन की प्रक्रिया को पूरा करायेंगे।उल्लेखनीय है कि 403 सदस्यीय विधानसभा के लिए हाल ही में संपन्न हुए विधानसभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) 255 सीटें जीत कर सबसे बड़े दल के रूप में उभरी है।
सत्ताधारी दल के रूप में भाजपा के नेता चुने गये योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में नयी सरकार के शपथ ग्रहण के बाद अब 18वीं विधानसभा के गठन की विधिवत प्रक्रिया को नवनिर्वाचित विधायकों की शपथ और नये विधानसभा अध्यक्ष के चुनाव के साथ पूरा किया जायेगा। चुनाव में 111 विधायक जीतने वाली सपा सदन में मुख्य विपक्षी दल बन गयी है। वहीं, सपा अध्यक्ष अखिलेश को पहले ही प्रतिपक्ष का नेता नियुक्त किया जा चुका है।