कर्क CANCER (ही, हू, हे, हो, डा, डी, डू, डे, डो)
शुभ रंग क्रीम,
शुभ अंक 2,
शुभ धातु चाँदी,
शुभरत्न मोती,
शुभ दिन सोमवार,
शुभ तारीख 2, 11, 20, 29।
मित्र राशि : वृश्चिक, मीन, तुला।
शत्रु राशि : मेष, सिंह, धनु, मिथुन, मकर, कुम्भ।
ईष्ट भगवान शंकर जी।
प्रदोष व्रत व प्रदोष के दिन अभिषेक करवाने से लाभ होगा। शिवचालीसा पढ़ना लाभकारी होगा।
व्यक्तित्त्व : अध्ययन प्रिय, जल प्रिय, कुशल प्रबंधक, भावुक।
भचक्र में चौथी राशि जिसका स्वामी चंद्र है। इन जातकों में चंचलता अधिकता रहती है तथा विचारों में स्थायित्व नहीं रह पाता जिस कारण निर्णयों में देरी होती है। किन्हीं मामलों में स्पष्टता सैद्धांतिक जीवन-यापन होता है। इस राशि के लोग बहुत ही साथ देने वाले होते हैं, फिक्र करने वाले होते हैं, प्रेम करने वाले होते हैं. सीधे होने के कारण ऐसे लोग ठगे भी जाते हैं। अगर कोई इनकी मदद मुसीबत में कर दे तो ये कभी भी उनका साथ नहीं छोड़ते हैं। लेकिन ये अवसरवादी प्रवृत्ति नहीं रखते। व्यवहार भी साफ-सुथरा, स्पष्टवादी व जैसे को तैसा रखते हैं। दूसरों के व्यवहार, घटनाओं का मानसिक प्रभाव बना रहता है जिससे चिड़चिड़ाहट, पश्चाताप बनता है। प्रेम-सौहार्द, भावुकता का दूसरे लोग गलत लाभ लेते हैं जिससे जीवन में कटु अनुभव आते हैं। कर्क जातक का बचपन थोड़ा कठिनाईयों भरा होता है किन्तु मध्यावस्था में वे सफ़लता अर्जित करते हैं। जातक थोड़े उत्तेजनात्मक स्वभाव वाले होते हैं। वे जितनी शीघ्रता से क्रोधित होते हैं उतनी ही शीघ्रता से शान्त हो जाते हैं।
कर्क जातकों की प्रवॄति और स्वभाव समझने के लिये हमें कर्क के एक विशेष गुण की तरफ ध्यान देना होगा। कर्क केकडा जब किसी वस्तु या जीव को अपने पंजों के जकड लेता है, तो उसे आसानी से नही छोडता है। भले ही इसके लिये उसे अपने पंजे गंवाने पडें। कर्क जातकों में अपने प्रेम पात्रों तथा विचारोम से चिपके रहने की प्रबल भावना होती है। यह भावना उन्हें ग्रहणशील, एकाग्रता और धैर्य के गुण प्रदान करती है। उनका मूड बदलते देर नही लगती है। उनके अन्दर अपार कल्पना शक्ति होती है, उनकी स्मरण शक्ति बहुत तीव्र होती है। अतीत का उनके लिये भारी महत्व होता है। कर्क जातकों को अपने परिवार में विशेषकर पत्नी तथा पुत्र के के प्रति प्रबल मोह होता है। उनके बिना उनका जीवन अधूरा रहता है।
मैत्री को वे जीवन भर निभाना जानते हैं। अपनी इच्छा के स्वामी होते हैं तथा खुद पर किसी भी प्रकार का अंकुश थोपा जाना सहन नहीं करते। ग्रह स्थिति शुभ होने पर अधिकांश मामलों में ये ऊंचे पदों पर पहुंचते हैं और भारी यश प्राप्त करते हैं। वो उत्तम कलाकार, लेखक, संगीतज्ञ, या नाटककार बनते हैं। कुछ व्यापारी या उत्तम मनोविश्लेषक बनते हैं। अपनी गुप्त विद्याओं धर्म या किसी असाधारण जीवन दर्शन में वो गहरी दिलचस्पी पैदा कर लेते हैं। कर्क जातक बडी-बडी योजनाओं का सपना देखने वाले होते हैं। परिश्रमी और उद्यमी होते हैं उनको प्राय: अप्रत्यासित सूत्र या विचित्र साधनों से और अजनबियों के संपर्क में आने से आर्थिक लाभ हो सकता है।
वर्षारम्भ से 16 जनवरी तक शनि की सप्तम दृष्टि, 17 जनवरी से वर्षान्त तक शनि की ढैय्या का प्रभाव रहने से स्वास्थ्य हानि, मानसिक तनाव, धन-हानि, निकट-बन्धुओं से विरोध, घरेलु कलह- क्लेश, रोग एवं शत्रुभय तथा आर्थिक उलझनों का सामना रहेगा। परन्तु वर्षारम्भ से 21 अप्रैल तक गुरु की शुभ उच्च दृष्टि रहने के कारण सकरात्मक सोच तथा दृढ़ इच्छाशक्ति, पराक्रम के बल पर सोची हुई योजनाओं में सफलता भी मिलती रहेगी। ता. 10 मई से 30 जून तक मंगल नीचस्थ रहने से स्वास्थ्य में विकार, मानसिक तनाव व क्रोध अधिक रहेगा।
कुल मिलाकर इस वर्ष व्यापार-व्यवसाय में स्थायित्व होगा। कर्ज, लेनदेन, कानूनी, सरकारी विवादों से बचेंगे। निर्णय पक्षधर होंगे। भागीदारी, स्वतंत्र उद्योग, व्यापार से प्रगति होगी। व्यावसायिक साख बनेगी। अवसरों को अनुभव-मार्गदर्शन से परिवर्तित कर पाएंगे। सोच धारणा, निर्णय, निश्चिंतता बढाएंगे। नौकरी में स्थायित्व रहेगा। अधिकार पद, रुका प्रमोशन मिलेगा।अधिकारियों की चाहत भी रहेगी। अपनी कार्यकुशलता, परिश्रम, लगन में कमी नहीं करें और बेहतर स्थिति में अग्रसर होंगे। आर्थिक दृष्टि से उत्तम आमदनी बढ़ेगी। आवक के अनुरूप कर्ज लेनदेन में कमी आएगी। उपयोगी वस्तुएं, मकान, प्लॉट सुख संभव रहेगा। निवेश, बचत में लाभ होगा। आर्थिक स्थिति का समय पर उचित उपयोग करें। वास्तव में आमदनी, निवेश को गुप्त रखें। चर्चा कम करें। संभावनाएं काफी रहेंगी। जातिगत, सामाजिक दायित्व, प्रतिष्ठा रहेगी।
सम्मान स्थान प्राप्त होगा। विशेष योग्यता, पुरस्कृत होंगे। कायदे-कानून, अन्याय, व्यर्थ की उलझनों से होने वाले नुकसान से राहत रहेगी। निर्णय पक्षधर होंगे। स्वास्थ्य सामान्यतः पुरानी बीमारियों के कारण नरम-गरम रहेगा। बीच के कुछ समय में अधिक स्वास्थ्य का ध्यान रखना होगा। विद्यार्थियों के लिए उत्तम इच्छित विषय, कॅरियर प्रतिस्पर्धा बनाने में समय सहायक रहेगा। लेकिन ईमानदारी से निश्चित समयबद्ध मेहनत ही सफलता देगी। अन्य गतिविधियां, स्पोर्ट्स, कला क्षेत्र में भी उत्साहप्रद परिणाम मिलेंगे। इच्छा अनुरूप चयन होगा। महिलाओं के लिए लंबे समय पश्चात उचित लाभप्रद स्थिति मानें। बेहतर परिणाम, स्थायित्व मिलेगा। जातिगत, सामाजिक अथवा कार्यस्थल पर स्थापित कर पाएंगे। इच्छा, आकांक्षा की पूर्तता होगी। आनंद, प्रसन्नता, उत्साह अधिकतर समय रहेगा।
उपाय : 1. अप्रैल से वर्षान्त तक संकल्पपूर्वक मंगलवार का व्रत रखकर प्रसाद चढ़ाना शुभ रहेगा।
2. ‘पितृ-सूक्त’ का पाठ करें। विशेषकर उन जातकों को, जिनकी कुण्डली में ‘पितृ-दोष’ हो।
3. वर्षभर कृष्णपक्ष के शनिवार से प्रारम्भ लगातार 7 शनिवार सूखे नारियल को तेल का टीका लगाकर काली डोरी लपेटकर अपने सिर से 3 बार छुआकर शनि का बीज मन्त्र पढ़ते हुए। शाम के समय चलते पानी में बहा देवें।
4. श्रीगणेशजी, गायत्री की उपासना करें। नैसर्गिक पौधारोपण, अन्नदान करते रहें। राहत-विश्वास का अनुभव आएगा।
मासिक राशिफल 2023
जनवरी : ता. 16 तक शनि की दृष्टि, फिर ता. 17 से शनि की ढैय्या का प्रभाव रहने से मानसिक तनाव, उत्तेजना, क्रोध अधिक तथा स्वास्थ्य कष्ट रहे मन के अनुकूल कार्य न होने से परेशानी अनुभव होगी। गुरु की शुभ उच्च दृष्टि होने से भाग्य से धन प्राप्ति और मान-प्रतिष्ठा में वृद्धि होगी।
फरवरी : समाज में मान-प्रतिष्ठा बढ़ेगी। पारिवारिक वातावरण कुछ बेहतर होगा। धार्मिक समागमों में आना-जाना होगा। पुरुषार्थ करने से आत्मबल विकसित होगा। व्यवसायिक क्षेत्रों में स्कावटों के बावजूद निर्वाह योग्य आय के साधन बनते रहेंगे।
मार्च : भाग्य एवं परिस्थितियों के साथ न देने के कारण खिन्नता का अनुभव हो सकता है। भाग्य से धन प्राप्ति और मान-प्रतिष्ठा में वृद्धि होगी। अति महत्त्वपूर्ण कार्य के लिए भागदौड़ होगी। व्यर्थ की चिन्ता और बनते कार्यों में विलम्ब होने के योग हैं।
अप्रैल : ता. 21 तक गुरु की दृष्टि रहने से किसी मित्र की सहायता से रुका हुआ कार्य बनेगा। पारिवारिक सुख में वृद्धि होगी। दैनिक कार्यों में प्रगति होगी। व्यापार को बढ़ाने में मित्रों और सम्बन्धियों का सहयोग प्राप्त होगा। नए लोगों से मेल-जोल होगा।
मई : कार्य-व्यवसाय में व्यस्तताएं बढ़ेंगी। ता. 10 से मंगल इसी राशि पर संचार करने से परिवार में व्यर्थ की परेशानी रहेगी। विलासादि कार्यों पर धन का खर्च अधिक रहे। अत्यधिक खर्चों के कारण परेशानी का सामना हो।
जून : व्यर्थ की यात्रा में परेशानी व खर्च अधिक होगा। भागदौड़ के उपरान्त भी गुजारे योग्य धन प्राप्त होने में विलम्ब होगा। स्वास्थ्य का विशेष ध्यान रखें। किसी पर क्रोध न करें अन्यथा लाभ के मार्गों में रुकावट आएगी।
जुलाई : व्यवसाय में आंशिक लाभ। स्वास्थ्य मध्यम, विद्या और सन्तान की ओर से चिन्ता, किसी नवीन कार्य की योजना बने। आय के साधनों में वृद्धि का योग है, किन्तु व्यय अधिक होने से मानसिक तनाव एवं उलझनें बढ़ेंगी।
अगस्त : नए कार्यों को योजनाबद्ध तरीके से करने पर ही लाभ होगा। भूमि-जायदाद सम्बन्धी मामलों में तनाव उत्पन्न होगा। निकट बन्धुओं से गलतफ़हमी उत्पन्न होगी। परिवारिक माहौल में उथल-पुथल होगी।
सितम्बर : किसी निकट-बन्धु से धोखा मिलने के योग हैं। परन्तु अकस्मात् किसी बिगड़े हुए कार्य के बन जाने से खुशी का माहौल बनेगा। आर्थिक दृष्टि से इस अवधि में आप निरर्थक मामलों में उलझे रहेंगे।
अक्तूबर : किसी महत्त्वपूर्ण कार्य में विघ्नों के पश्चात् सफलता प्राप्त होगी। आकस्मिक खर्च बढ़ेंगे, निकटस्थ बन्धु से धोखा मिलने के संकेत हैं, सावधानी बरतें घरेलु उलझनों के कारण विलम्ब व विघ्न उत्पन्न होंगे।
नवम्बर : वृथा खर्चों की परेशानी होगी। भागदौड़ के बावजूद आय अल्प रहेगी। व्यर्थ के झंझटों और वाद-विवाद से दूर रहें, अन्यथा हानि होगी। गुजारे योग्य धन लाभ व उन्नति के योग हैं। ता. 16 तक ‘कार्तिक माहात्म्य’ का पाठ करते रहें।
दिसम्बर : मासारम्भ में पंचमस्थ सूर्य पर शनि की विशेष दृष्टि रहने से कारोबार में कई प्रकार के उतार-चढ़ाव व अन्य परेशानियां रहेंगी। पारिवारिक मनमुटाव रहेगा। ता. 16 के बाद हालात में कुछ सुधार व कुछ बिगड़े कार्य बनेंगे। उच्च-प्रतिष्ठित लोगों से मेल जोल बढेगा।
ज्योतिर्विद वास्तु दैवज्ञ
पंडित मनोज कृष्ण शास्त्री
मो. 9993874848