भारत में एनडीए सरकार की @3.0- पूर्ण बजट जुलाई 2024 पर विश्व की निगाहें

भारतीय पूर्ण बजट जुलाई 2024- महिलाओं, किसानों व युवाओं पर हो सकता है फोकस
पूर्ण बजट जुलाई 2024 में भारत को विश्व की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनने व विजन 2047 को दिशा देने की झलक दिखने की संभावना- एडवोकेट किशन सनमुखदास भावनानी गोंदिया

एडवोकेट किशन सनमुखदास भावनानी, गोंदिया, महाराष्ट्र। वैश्विक स्तर पर दुनियां की सबसे बड़ी जनसंख्या वाले व सबसे बड़े लोकतंत्र में विशाल चुनावी महापर्व का समापन होने, केंद्र में सरकार बनने और मंत्रालयों का बंटवारा होकर चार्ज संभालने का काम करीब पूर्ण हो चुका है, व 18वीं लोकसभा का पहला 10 दिवसीय सत्र 24 जून से 3 जुलाई 2024 को होने की घोषणा संसदीय कार्यमंत्री ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर कर दी है, जिसमें नवनिर्वाचित सदस्यों की शपथ, अभिपुष्टि अध्यक्ष का चुनाव भारत के राष्ट्रपति का अभिभाषण व उस पर चर्चा होगी तथा राज्यसभा का 264वां सत्र भी 27 जून से 3 जुलाई तक होगा। इस बीच माननीय वित्तमंत्री ने 12 जून 2024 को वित्त मंत्रालय जाकर अपना कार्यभार संभाला है, अब भारत ही नहीं पूरे विश्व की नजरें भारतीय पूर्ण बजट जुलाई 2024 पर लग गई है। बता दें कि माननीय वित्तमंत्री इससे पहले पांच पूर्ण बजट व एक अंतरिम बजट यानी कुल 6 बजट पेश कर चुकी है। अब जुलाई 2024 का यह सातवां बजट व सातवां पूर्ण बजट होगा, इसी के साथ ही वह पूर्व प्रधानमंत्री मोरारजी भाई देसाई का लगातार 6 बार बजट पेश करने का रिकॉर्ड तोड़ देगी, क्योंकि वह सातवां बजट पेश करने जा रही है जिसकी उन्हें बहुत-बहुत बधाईयां। चूंकि मंत्रालय का पदभार संभालने के साथ ही बजट की सुगबुगाहट तेज हो गई है, इसलिए मेरा ध्यान भी इस ओर गया और मैं पूर्ण बजट जुलाई 2024 पर आलेख व रिपोर्ट लिखने का निर्णय लेकर जानकारी जुटाना प्रारंभ किया तथा मंथन किया। चुनाव में किए गए वादों, घोषणा पत्र के वादों, चुनावी सभा में उठाए गए मुद्दों व पीएम के सपना भारत को विश्व की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनाना है व विजन 2047 को दिशा देना है तो इसकी जोरदार शुरुआत का आगाज पूर्ण बजट जुलाई 2024 से ही करना समय की मांग है।

बता दें कि संसद के इस सत्र के बाद संभवतः 22 जुलाई से 9 अगस्त 2024 तक बजट सत्र का आयोजन हो सकता है ऐसा मेरा मानना है, यानी विश्वास है, परंतु सटीकता नहीं है तारीखों में हेरफेर हो सकती है। मेरा मानना है कि इस पूर्ण बजट में महिलाओं किसानों व युवाओं पर फोकस हो सकता है, स्टार्टअप विभाग अतिरिक्त राशि की मांग कर सकते हैं, मध्यवर्गीय वर्ग पर टैक्स छूट की राशि बढ़ाने व उद्योग नीति में बदलाव की संभावनाएं की जा सकती है ताकि अनेक देशों के साथ जो फ्री ट्रेड एग्रीमेंट की वार्ताएं चल रही है उसमें सकारात्मक रूख आए। चूंकि भारतीय हैट्रिक सरकार एट द रेट ऑफ 3.0 अपने फार्म में आ चुकी है, अब पूरे विश्व की निगाहें भारतीय पूर्ण बजट जुलाई 2024 पर टिकी है, इसलिए आज हम मीडिया में उपलब्ध जानकारी के सहयोग से, इस आलेख के माध्यम से चर्चा करेंगे, भारत को विश्व की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनने व विजन 2047 को दिशा देने, जुलाई 2024 बजट में इसकी झलक दिखना समय की मांग है।

साथियों बात अगर हम बजट जुलाई 2024 में महिलाओं किसानों व युवाओं पर फोकस की करें तो, उम्मीद है कि पीएम के नेतृत्व वाली एनडीए सरकार बजट में इसी से मिली-जुली घोषणाएं कर सकती हैं। हालांकि इकोनॉमी की रफ्तार को लेकर सरकार अपने कदम पीछे खींचने के मूड में बिल्कुल भी नजर नहीं आ रही है और चुनाव नतीजों के बाद देश को संबोधित करते हुए उनके भाषण में। भारतीय अर्थव्यवस्था को तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनाने और भारत को 2047 तक विकसित राष्ट्र बनाने का जिक्र भी शामिल रहा। हालांकि, इससे भी इनकार नहीं किया जा सकता है कि इस बार के पूर्ण बजट में महिलाओं, किसानों और युवाओं के लिए सरकार कुछ नए और बड़े ऐलान कर सकती है। हालांकि, कांग्रेस के घोषणापत्र में जो ऐलान किए गए थे, तो हैट्रिक सरकार भी पहले से ही गरीबों और महिलाओं के लिए कुछ खास योजनाएं संचालित कर रही हैं।इनमें प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना शामिल है, जिसके तहत देश के 80 करोड़ से ज्यादा लोगों को मुफ्त राशन दिया जा रहा है। वहीं बात करें 1 फरवरी 2024 को संसद में पेश किए गए अंतरिम बजट में हुए बड़े ऐलानों की, तो इस हैट्रिक सरकार ने हर महीने 300 यूनिट बिजली फ्री देने का वादा किया था और इस पर आगे बढ़ते हुए चुनाव से पहले ही पीएम सूर्यघर योजना को लॉन्च कर दिया था। इसके अलावा अंतरिम बजट में और भी कई ऐलान किए गए थे।

साथियों बात अगर हम अंतरिम बजट में किए गए ऐलान व आगे की रणनीति की करें तो, अंतरिम बजट में किए गए बड़े ऐलान, पीएम आवास के तहत तीन करोड़ घर बनाए गए, अगले पांच साल में ग्रामीण क्षेत्रों में 2 करोड़ और घर बनाए जाएंगे। सर्वाइकल कैंसर के लिए टीकाकरण को बढ़ावा दिया जाएगा, 9-14 साल के बच्चियों को मुफ्त टीका लगाया जाएगा। अब तक 1 करोड़ महिलाओं को लखपति दीदी बनाया है। इस लक्ष्य दो करोड़ से बढ़ाकर 3 करोड़ किया गया है। पीएम गति शक्ति के तहत 3 नए कॉरिडोर बनाए जाएंगे, अगले 10 साल में एयरपोर्ट की संख्या 149 तक हो गई है। वंदे भारत की 40 हज़ार बोगियां अपग्रेड होंगी। मेट्रो और नमो भारत को अन्य शहरों से जोड़ा जाएगा। अब जबकि लोकसभा चुनाव के परिणाम उम्मीद के मुताबिक नहीं आए हैं, तो फिर पूर्ण बजट खासा लोकलुभावन होने की उम्मीद जताई जा रही है, इनमें आम आदमी को टैक्स पर राहत, किसानों के लिए खास ऐलान किए जा सकते हैं।

इसके अलावा पीएम उज्ज्वला योजना के जैसी अन्य किसी योजना की घोषणा भी की जा सकती है। हालांकि, इन सबके साथ ही हैट्रिक सरकार इकोनॉमी की रफ्तार को बनाए रखने के लिए इन्फ्रास्ट्रक्चर और मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर पर अपना फोकस बनाए रख सकती है। दरअसल, ऐसा इसलिए भी है क्योंकि चुनाव में जाने पर पहले इंडिया गठबंधन ने सौगातों की बौछार करते हुए देश की जनता से तमाम बड़े वादे किए थे और उदाहरण के तौर पर इनमें महिलाओं को सालाना एक लाख रुपये देने का वादा भी किया गया था। लेकिन इस तरह के वादों का असर भी चुनाव नतीजों पर देखने को मिला और इंडिया गठबंधन ने 234 सीटों पर अपना कब्जा जमा लिया। पीएम के नेतृत्व में बनी हैट्रिक सरकार द्वारा पेश किए जाने वाले पूर्ण बजट जुलाई 2024-25 में अब चूंकि गठबंधन की सरकार बनी है तो, पूर्ण बजट में इसका असर साफ तौर पर देखने को नहीं मिलेगा। क्योंकि पीएम ने कहा था कि तीसरी बार जब उनकी सरकार चुनकर आएगी, तो प्राथमिकता अर्थव्यवस्था पर होगी।

साथियों बात अगर हम पूर्ण बजट जुलाई 2024 में कुछ हटकर देखने की संभावना की करें तो, जुलाई में पेश होने वाले बजट में सरकार आर्थिक स्थिरता बनाए रखने के लिए रोजगार सृजन को बढ़ावा देने के लिए रूपरेखा तैयार करेगा। वहीं सरकार स्टार्टअप, टैक्सेशन, जीएसटी दरों को भी तर्कसंगत बनाने के लिए कार्य करेगा। संघीय बजट 2024 बनाते समय सरकार कई महत्वपूर्ण बातों का ध्यान रखेगी। सबसे पहले, अर्थव्यवस्था को मजबूती देने के लिए सरकार का ध्यान रोजगार सृजन पर होगा। कोविड-19 महामारी के बाद से कई लोग बेरोजगार हो गए हैं, इसलिए रोजगार के नए अवसर पैदा करना बहुत जरूरी है। इसके लिए सरकार को छोटे और मझोले उद्योगों को समर्थन देना होगा, क्योंकि ये उद्योग सबसे ज्यादा रोजगार देते हैं। संघीय बजट 2024 में सरकार का ध्यान रोजगार सृजन, महंगाई पर नियंत्रण, स्वास्थ्य और शिक्षा सुधार, कृषि क्षेत्र में विकास और बुनियादी ढांचे के विकास पर रहेगा। इससे देश की अर्थव्यवस्था मजबूत होगी और लोगों का जीवन स्तर सुधरेगा। इन्फ्रास्ट्रक्चर यानी बुनियादी ढांचे का विकास भी महत्वपूर्ण होगा। सरकार सड़कों, पुलों, और रेल नेटवर्क के निर्माण पर ज्यादा खर्च कर सकती है। इससे न केवल परिवहन सुविधाएं बेहतर होंगी बल्कि रोजगार के नए अवसर भी पैदा होंगे। सरकार रियल एस्टेट सेक्टर को ध्यान में रखते हुए कई महत्वपूर्ण बातों पर विचार करेगी। सबसे पहले, यह क्षेत्र हमारी अर्थव्यवस्था का बड़ा हिस्सा है और लाखों लोगों को रोजगार देता है।

इसलिए इस क्षेत्र को बढ़ावा देने के लिए सरकार कुछ खास कदम उठा सकती है। हैट्रिक सरकार महंगाई पर नियंत्रण करने के लिए भी कदम उठाएगी। महंगाई बढ़ने से आम जनता की जेब पर बोझ बढ़ता है। ऐसे में सरकार खाद्य पदार्थों और ईंधन की कीमतों को नियंत्रण में रखने के लिए कदम उठा सकती है। इससे आम लोगों को राहत मिलेगी। हेल्थ सेक्टर पर भी सरकार का खास ध्यान होगा। कोविड-19 ने स्वास्थ्य सुविधाओं की कमी को उजागर किया है। सरकार स्वास्थ्य सेवाओं में निवेश बढ़ाकर अस्पतालों, दवाओं और टीकाकरण पर ज्यादा खर्च कर सकती है। एजुकेशन सेक्टर में सुधार भी महत्वपूर्ण है। सरकार शिक्षा के बजट को बढ़ा सकती है ताकि सभी बच्चों को अच्छी शिक्षा मिल सके। डिजिटल शिक्षा को बढ़ावा देने के लिए भी कदम उठाए जा सकते हैं, जिससे ग्रामीण और दूरदराज के इलाकों के बच्चे भी ऑनलाइन शिक्षा प्राप्त कर सकें। किसानों की आय बढ़ाने के लिए सरकार एग्रीकल्चर सेक्टर में सुधार कर सकती है। फसलों के उचित दाम, सिंचाई सुविधाओं में सुधार और कर्ज माफी जैसी योजनाओं पर ध्यान दिया जा सकता है। इससे किसानों की आर्थिक स्थिति सुधरेगी।

एडवोकेट किशन सनमुखदास भावनानी : संकलनकर्ता, लेखक, कवि, स्तंभकार, चिंतक, कानून लेखक, कर विशेषज्ञ

अतः अगर हम उपरोक्त पूरे विवरण का अध्ययन कर इसका विश्लेषण करें तो हम पाएंगे कि भारतीय हैट्रिक सरकार @3.0 – पूर्ण बजट जुलाई 2024 पर विश्व की निगाहें। भारतीय पूर्ण बजट जुलाई 2024- महिलाओं किसानों व युवाओं पर हो सकता है फोकस। पूर्ण बजट जुलाई 2024 में भारत को विश्व की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनने व विजन 2047 को दिशा देने की झलक दिखने की संभावना है।

(स्पष्टीकरण : इस आलेख में दिए गए विचार लेखक के हैं और इसे ज्यों का त्यों प्रस्तुत किया गया है।)

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