नई दिल्ली : दिल्ली महिला आयोग ने दिल्ली पुलिस को नोटिस जारी कर एक अहम मुद्दा उठाया है। डीसीडब्ल्यू ने एक मीडिया रिपोर्ट के हवाले से कहा है कि रिपोर्ट के अनुसार दिल्ली पुलिस के 178 पुलिस थानों में से किसी एक थाने में भी महिला एसएचओ नहीं है। जहां आज के दौर में हम महिला पुरुष बराबरी के लिए काम कर रहे हैं, वहीं दिल्ली पुलिस में एक भी महिला एसएचओ न होना बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है। रिपोर्ट्स के अनुसार दिल्ली पुलिस में महिलाओं के लिए 33 फीसदी आरक्षण है, लेकिन फिर भी महिलाओं की भागीदारी पुलिस फोर्स में बहुत कम है।
आयोग ने इस अहम मुद्दे को उठाते हुए दिल्ली पुलिस को नोटिस जारी किया है और उनसे कुछ सवाल पूछे हैं। पोस्ट के लिए योग्य महिला अफसरों की जानकारी पाने के लिए आयोग ने पुलिस से पूछा है, विभाग में कितने पुरुष और महिला इंस्पेक्टर हैं? और दोनों के लिए कितने पोस्ट सेंक्शन किए गए हैं ? आयोग ने ये जानकारी भी मांगी है कि दिल्ली पुलिस ने महिलाओं की भागीदारी बढ़ाने के लिए क्या क्या कदम उठाए हैं।
आयोग का मानना है कि दिल्ली पुलिस में महिलाओं कि भागीदारी बढ़ना बेहद जरूरी है। भागीदारी बढ़ाने के साथ ही ये भी सुनिश्चित करना जरूरी है कि प्रोमोशन इत्यादि में भी किसी प्रकार का कोई भेदभाव न हो। आयोग साथ ही ये मानता है कि, “कमला नगर थाने जैसे संवेदनशील इलाके जिसके अन्तर्गत जीबी रोड आता है वहां महिला एसएचओ होना बेहद जरूरी है।”
दिल्ली पुलिस को इस मामले के 19 मार्च तक दिल्ली महिला आयोग को जवाब देना है, जिसके बाद महिला आयोग इस मामले में आगे की रणनीति तय करेगा।दिल्ली महिला आयोग की अध्यक्ष स्वाति मालीवाल ने कहा, “हमें मिली रिपोर्ट के अनुसार दिल्ली पुलिस के सभी के सभी 178 थानों में एक भी महिला एसएचओ नहीं है। ये जानकारी बेहद ही दुर्भाग्यपूर्ण और आश्चर्यचकित करने वाली है। दिल्ली पुलिस महकमे में महिलाओं को सामान्य अधिकार मिलना बेहद जरूरी है।”
“हमारा मानना है कि जीबी रोड इलाके और ऐसे अन्य इलाकों में खासकर महिला एसएचओ का होना बहुत जरूरी है। हमने पुलिस को नोटिस जारी किया है और हमें ये जानकारी चाहिए कि क्यों दिल्ली पुलिस में कोई महिला एसएचओ नहीं है। हम इस मुद्दे को गंभीरता से उठा रहे हैं और बदलाव लाने कि दिशा के काम करेंगे।”