खड़गपुर : डायमंड हार्बर के सांसद अभिषेक बनर्जी फिर से मूक रक्षक बन गए। इससे पहले माध्यमिक और उच्चतर माध्यमिक छात्रों को अभिषेक को कॉल करके अपने प्रवेश पत्र की समस्या का समाधान कराते देखा गया है। लेकिन इस बार देखा गया कि मेदिनीपुर शहर की सुमन मुखर्जी ने नवजात को अस्पताल से निकालने में मदद की। दरअसल, मेदिनीपुर शहर की निवासी सुमन मुखर्जी ने कहा कि “दूसरे बच्चे को जन्म देना एक समस्या थी।
फिर हमने कलकत्ता में एक डॉक्टर को दिखाया, जिन्होंने विभिन्न परीक्षण करने के बाद हमें उसे एक विशेष अस्पताल में भर्ती कराने के लिए कहा। जहां पैकेज 2 लाख रुपये था।” मैं कुछ मुश्किलों से वह पैसे इकट्ठा करने में कामयाब रहा, लेकिन बच्चा होने के बाद बिल तीन गुना तक बढ़ गया, इसलिए मैं अपनी पत्नी को तो अस्पताल से ले आया, लेकिन बच्चे को घर नहीं ला सका।
उसके बाद हमने अभिषेक बनर्जी के कार्यालय से संपर्क किया और उन्होंने बच्चे को वापस घर भेज दिया। हम 10 दिनों तक बच्चे के बिना थे और हमें वह कल मिल गया। मैं और मेरा पूरा परिवार इस सहयोग के लिए उनका सदैव आभारी रहेगा।”
इस पर टीएमसी नेताओं का कहना है कि अभिषेक बनर्जी ने साफ कर दिया कि वह न सिर्फ अपने लोकसभा क्षेत्र के लोगों के लिए हैं बल्कि पूरे राज्य के लोगों के सुख-दुख के लिए हैं। उन्होंने यह भी साबित कर दिया कि पद पर बने रहना तभी संभव है जब लोगों को लाभ पहुंचाने की इच्छा हो और उन्होंने इसे फिर से साबित किया जिसे उन्होंने “मूक क्रांति” कहा था।
ताज़ा समाचार और रोचक जानकारियों के लिए आप हमारे कोलकाता हिन्दी न्यूज चैनल पेज को सब्स्क्राइब कर सकते हैं। एक्स (ट्विटर) पर @hindi_kolkata नाम से सर्च कर, फॉलो करें।