- एनवायरमेंट एंड सोशल वेलफेयर सोसाइटी खजुराहो एवं जलवायु परिवर्तन परिषद के लिए राष्ट्र कार्रवाई की एकता गुजरात के बीच हुआ करार
- यूनाइटेड नेशन के मिलेनियम गोल 2030 पर करेंगे व्यापक कार्य
सहस्राब्दी वर्ष से संचालित एनवायरमेंट एंड सोशल वेलफेयर (ईएसडब्ल्यू) सोसायटी, खजुराहो, भारत पर्यावरण, शिक्षा, कला और विज्ञान और प्रौद्योगिकी के लिए समर्पित है। यह नीति आयोग, सरकार द्वारा सम्बद्ध है। अब यह दुनिया भर में इसके प्रभाव से जानी जाती है। ईएसडब्ल्यू सोसाइटी विश्वविद्यालय, कॉलेज और स्कूल के छात्रों के साथ-साथ मानव कल्याण के लिए समाज में शिक्षा, स्वास्थ्य और विज्ञान को बढ़ावा देने के दृष्टिकोण के साथ पर्यावरण और समाज के बीच संबंध विकसित कर रही है।
इसका कई प्रतिष्ठित अंतर्राष्ट्रीय और राष्ट्रीय संस्थानों के साथ समझौता ज्ञापन है। इस संस्था द्वारा इंटरनेशनल जर्नल ऑफ ग्लोबल साइंस रिसर्च का प्रकाशन 2014 से हो रहा है। ई एस डब्ल्यू समय-समय पर पारिस्थितिक तंत्र प्रबंधन के लिए अंतर्राष्ट्रीय और राष्ट्रीय संगोष्ठी, संगोष्ठी, कार्यशाला और वेबिनार भी आयोजित करता है।
जलवायु परिवर्तन परिषद के लिए राष्ट्र कार्रवाई की एकता गुजरात में अग्रणी भारतीय सार्वजनिक नीति, थिंक टैंक और अनुसंधान संस्थान है। हमारे एकमात्र ग्रह, धरती माता को ग्लोबल वार्मिंग और जलवायु परिवर्तन के अन्य प्रतिकूल प्रभावों से बचाने के लिए प्रतिबद्ध है। यह संस्था भारत के लिए कम कार्बन विकास के अवसरों, सतत विकास लक्ष्य 2030 कार्यान्वयन की पहचान करने के लिए एक रणनीतिक ढांचा विकसित करने के लिए लगा हुआ है।
और मैक्रो और क्षेत्रीय स्तरों पर अर्थव्यवस्था की कार्बन तीव्रता को कम करने के प्रयास में नियोजित और स्केल-अप कार्यक्रम की एक श्रृंखला की सुविधा प्रदान करता है। तालमेल बनाकर और बाधाओं को दूर करके, संभावित ट्रेड-ऑफ और उपयुक्त वित्तीय (कार्बन फाइनेंस मॉडल) को इन अवरोधों को दूर करने की आवश्यकता है। इसके अलावा, सीएमआई वैश्विक जलवायु परिवर्तन अनुकूलन और शमन चुनौतियों का सामना करने और उन्हें संबोधित करने के लिए भारत के सर्वसम्मति प्रयासों और राष्ट्रीय तैयारियों को बढ़ाने के लिए काम करता है।
जलवायु परिवर्तन परिषद के लिए राष्ट्र कार्रवाई की एकता गुजरात के चेयरमैन डॉ रजत शर्मा ने गोदावरी एकेडमी ऑफ साइंस एंड टेक्नोलॉजी छतरपुर पहुंचकर ई एस डब्ल्यू सोसायटी खजुराहो मध्यप्रदेश के एग्जीक्यूटिव डायरेक्टर डॉ अश्वनी कुमार दुबे के साथ मिलकर करार पर हस्ताक्षर किये। यह करार आगे आने वाले समय में कृषि एवं जलवायु परिवर्तन में सुधार के लिए मील का पत्थर साबित होगा।