कोलकाता। तृणमूल कांग्रेस के वरिष्ठ नेता फिरहाद हकीम ने मंगलवार को कोलकाता के महापौर का पदभार संभाला एवं बेहतर नागरिक सेवाएं देने तथा शहर का सर्वांगीण विकास सुनिश्चित करने का वादा किया। वार्ड 82 के पार्षद हकीम को यहां एस एन बनर्जी मार्ग पर स्थित कोलकाता नगर निगम के मुख्यालय में एक कार्यक्रम में अस्थायी अध्यक्ष रामप्यारे राम ने पद एवं गोपनीयता की शपथ दिलायी।
दूसरी बार महापौर का पदभार ग्रहण करने के बाद वरिष्ठ तृणमूल नेता ने कहा, ‘‘मेरा लक्ष्य यह सुनिश्चित करना है कि कोलकाता श्रेष्ठ शहर बने। मैं शहर के ‘प्रधान सेवक’ के रूप में काम करूंगा। हम बेहतर नागरिक सेवाएं प्रदान करने एवं शहर का सर्वांगीण विकास सुनिश्चित करने का वादा करते हैं। ’’
पश्चिम बंगाल की ममता बनर्जी सरकार में परिवहन एवं आवास मंत्री का भी प्रभार संभाल रहे हकीम को पहली बार दिसंबर, 2018 में कोलकाता का महापौर नियुक्त किया गया था। तब उन्हें सोवन चटर्जी के अचानक पद से हटने के बाद यह जिम्मेदारी सौंपी गयी थी। हकीम को नगर निकाय का तब प्रशासक नियुक्त किया गया था तब मई, 2020 में पिछले बोर्ड का कार्यकाल समाप्त हो गया था लेकिन महामारी के कारण चुनाव नहीं कराये जा सके थे।
हकीम के साथ ही अतिन घोष ने उपमहापौर पद की तथा माला रॉय ने अध्यक्ष पद की शपथ ली। महापौर -परिषद के सदस्यों को भी शपथ दिलायी गयी। तृणमूल कांग्रेस ने निगम चुनाव में कुल 144 वार्डों में 134 जीते थे जबकि विपक्षी भाजपा को महज तीन वार्डों में ही जीत मिली।
कांग्रेस तथा माकपा नीत वाममोर्चा भी दो -दो वार्ड में विजयी रहा जबकि तीन निर्दलीय प्रत्याशियों ने भी विजय हासिल की। तृणमूल कांग्रेस 2010 से ही निगम में सत्ता में है। केएमसी के 145 साल के इतिहास में चित्तरंजन दास, सुभाषचंद्र बोस, एवं विधानचंद्र राय भी आजादी के पहले महापौर रहे थे। राय बाद में मुख्यमंत्री भी बने। हकीम आजादी के बाद कोलकाता के पहले मुस्लिम महापौर हैं