प्लेकार्ड थामने को क्यों मजबूर हुए सोने-चांदी से खेलने वाले हाथ !!

तारकेश कुमार ओझा, खड़गपुर : समूचे देश के साथ ही खड़गपुर के स्वर्ण शिल्पी भी सोमवार को सांकेतिक हड़ताल पर रहे। पदाधिकारियों में प्रदेश अध्यक्ष कालिदास कर्मकार, राजेन शुक्ला, बजरंग वर्मा, नितेन दत्ता, विक्रम राव तथा अशोक मजूमदार समेत शहर के कुल 525 सर्राफा व्यवसायियों ने आज अपनी – अपनी दुकानें बंद रखी और शहर के सबसे बड़े व्यावसायिक केंद्र गोलबाजार में विरोध प्रदर्शन किया लेकिन सवाल यह है कि आखिर वो कौन से कारण हैं, जिसके चलते सोने – चांदी से खेलने वाले हाथ इस तरह झंडा – बैनर और मांग पत्र थामने को मजबूर हुए।

आंदोलनकारी बंगीय स्वर्ण शिल्पी समिति के पदाधिकारियों के मुताबिक इसका प्रमुख कारण केंद्र सरकार की नई हॉल मार्किंग नीति है । उनके अनुसार स्वर्ण शिल्पी सोने – चांदी के आभूषण पर हॉलमार्क संबंधी बाध्यता का स्वागत करते है । सर्राफा व्यवसायी इसके खिलाफ बिल्कुल नहीं है। हम सदैव ग्राहकों को ऊंची गुणवत्ता के आभूषण देने के समर्थन में हैं। लेकिन नई हॉल मार्क नीति में ऐसी कई जटिलताएं हैं , जिसके चलते 75 फीसदी भारतीय स्वर्ण शिल्पी इस पेशे से बाहर हो जाएंगे।

उनके लिए अस्तित्व बचाना मुश्किल हो जाएगा और नौबत भुखमरी की आ जाएगी । उन्होंने कहा कि खरीद – बिक्री संबंधी नियमों में जटिलताएं सिर्फ सर्राफा व्यवसायी भुगतेंगे क्योंकि साधारण ग्राहक इससे अनभिज्ञ हैं। सीमिति अवधि की खरीद और वापसी पर भी जीएसटी लागू होगी, जिसका भुगतान करना मुश्किल होगा। उन्होंने कहा कि आज हमने सांकेतिक हड़ताल की है। मांगे न माने – जाने पर आर – पार की लड़ाई लड़ी जाएगी।

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