कोलकाता/नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को फिल्म ‘द केरला स्टोरी’ पर बैन के मामले में पश्चिम बंगाल सरकार से कई सवाल किए। कोर्ट ने कहा कि फिल्म देश के बाकी हिस्सों में शांतिपूर्वक चल रही है और ऐसा कोई कारण नहीं है कि इसे राज्य में प्रतिबंधित किया जाए। भारत के मुख्य न्यायाधीश डी. वाई. चंद्रचूड़ और पी.एस. नरसिम्हा ने पश्चिम बंगाल सरकार का प्रतिनिधित्व कर रहे वरिष्ठ अधिवक्ता ए.एम. सिंघवी से कहा, फिल्म देश के बाकी हिस्सों में रिलीज हुई है, पश्चिम बंगाल देश से अलग नहीं है..।
फिल्म निर्माताओं का प्रतिनिधित्व कर रहे वरिष्ठ अधिवक्ता हरीश साल्वे ने कहा फिल्म राज्य में तीन दिनों तक सिनेमाघरों में चली। चीफ जस्टिस ने कहा, अगर फिल्म देश के अन्य हिस्सों में चल सकती है, तो पश्चिम बंगाल में क्यों नहीं?.. अगर जनता इसे देखना नहीं चाहती है, तो नहीं देखेगी। पीठ ने कहा, इसका फिल्म के आर्टिस्टिक वैल्यू से कोई लेना-देना नहीं है, फिल्म अच्छी हो सकती है, या यह खराब हो सकती है, या अप्रासंगिक हो सकती है ..।
दलीलें सुनने के बाद शीर्ष अदालत ने पश्चिम बंगाल सरकार को नोटिस जारी किया। फिल्म निर्माताओं ने दलील दी कि राज्य सरकार के पास ऐसी किसी फिल्म को बैन करने का कोई अधिकार नहीं है जिसे केंद्रीय फिल्म प्रमाणन बोर्ड ने प्रमाणित किया हो।
फिल्म निर्माताओं ने दावा किया कि राज्य सरकार फिल्म के प्रदर्शन को रोकने के लिए कानून व्यवस्था का हवाला नहीं दे सकती। उनका तर्क था कि इससे उनके मौलिक अधिकारों का हनन होगा। पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने 8 मई को ‘द केरला स्टोरी’ के प्रदर्शन पर प्रतिबंध लगाने की घोषणा की थी। उन्होंने पश्चिम बंगाल के मुख्य सचिव एच.के. द्विवेदी को इस मामले में आवश्यक कदम उठाने को कहा था।