Kolkata Desk : कादम्बिनी गांगुली भारत की पहली महिला स्नातक और फ़िजीशियन थी। जिन्हें भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के अधिवेशन में सबसे पहले भाषण देने वाली महिला का गौरव भी प्राप्त है, साथ ही पहली दक्षिण एशियाई महिला थी जिन्होंने यूरोपियन मेडिसिन में प्रशिक्षण लिया था।
कादम्बिनी गांगुली जिनका आज जिनका 160वां जन्मदिन गूगल भारत में अपने होमपेज पर डूडल के साथ मना रहा है। इनका जन्म 18 जुलाई 1861 को भागलपुर, बिहार में हुआ था तथा मृत्यु 3 अक्टूबर 1923 को कोलकाता में हुई थी।
इन्होंने 1882 में ‘कोलकाता विश्वविद्यालय’ से बी.ए. की परीक्षा उत्तीर्ण की थी। ‘कोलकाता विश्वविद्यालय’ से 1886 में चिकित्सा शास्त्र की डिग्री लेने वाली भी वे पहली महिला थी। इसके बाद वे विदेश गई और ग्लासगो और ऐडिनबर्ग विश्वविद्यालयों से चिकित्सा की उच्च डिग्रियाँ प्राप्त कीं।
हालांकि उस दौर में महिलाओं को शिक्षा और वो भी उच्चतर शिक्षा पाने के लिए लंबा संघर्ष करना पड़ता था। परंतु सौभाग्य से कादम्बिनी गांगुली के रूप में भारत को पहली महिला डॉक्टर 19वीं सदी में ही मिल गई थी।
कादम्बिनी गांगुली न सिर्फ भारत की पहली महिला फ़िजीशियन थी, बल्कि वे पहली दक्षिण एशिया की महिला थीं, जिन्होंने यूरोपियन मेडिसिन में प्रशिक्षण प्राप्त किया था। कांग्रेस के 1889 के मद्रास अधिवेशन में उन्होंने भाग लिया और भाषण दिया। कांग्रेस के उस समय तक के इतिहास में भाषण देने वाली वे पहली महिला थीं।
1906 में कोलकाता कांग्रेस के अवसर पर आयोजित महिला सम्मेलन की इन्होंने अध्यक्षता भी की थी। 1914 में जब गाँधी जी कोलकाता आये तो उनके सम्मान में आयोजित सभा की अध्यक्षता भी कादम्बिनी गांगुली ने ही किया थी।