केंद्रीय कैबिनेट में फेरबदल से बंगाल के किस नेता को मिलेगी जगह?

Kolkata Desk : केंद्रीय मंत्रिमंडल में फेरबदल की चर्चा के बीच प्रदेश में बीजेपी के कई सांसदों के नामों को लेकर अटकलें लगाई जा रही है। देखना ये है कि किन नामों पर मोदी-शाह-नड्डा की मुहर लगती है।केंद्रीय कैबिनेट में किसे जगह मिलेगी? राज्य में कई भाजपा सांसदों के नामों को लेकर अटकलें कुछ दिनों से चल रही है, कारण केंद्रीय मंत्रिमंडल में फेरबदल की संभावना है।

सूत्रों के मुताबिक राज्य में विधानसभा चुनाव का नतीजा भले ही भाजपा की उम्मीद के मुताबिक नहीं रहा। लेकिन इस राज्य के कई सांसद बागी हो सकते हैं, अतः कुछ को केंद्रीय कैबिनेट में जगह मिल सकती है। इस तरह के नामों के बारे में अटकलें पहले से ही शुरू हो गई है।

सूत्रों के मुताबिक कैबिनेट में जगह पाने में सबसे संभावित नाम प्रदेश भाजपा प्रदेश अध्यक्ष दिलीप घोष का है। क्योंकि प्रदेश अध्यक्ष के तौर पर उनका कार्यकाल कुछ ही महीनों में दूसरी बार खत्म होगा और भाजपा की नीति के अनुसार कोई भी व्यक्ति दो बार से अधिक अध्यक्ष नहीं हो सकता। इसके अलावा, राजनीतिक गलियारों का मानना ​​है कि दिलीप घोष का आरएसएस से जुड़ाव उन्हें इस दौड़ में बहुत आगे रख रहा है।

इसके अलावा और भी जिन नामों की चर्चा चल रही है, उनमे एक नाम लॉकेट चटर्जी का भी है। राजनीतिक विश्लेषकों के मुताबिक लॉकेट के कार्यो से चाहे वो प्रदेश भाजपा महिला मोर्चा की अध्यक्ष हो या सांसद हर जगह इनके उत्कृष्ट प्रदर्शन से भाजपा का केंद्रीय नेतृत्व खुश है। साथ ही ममता बनर्जी के खिलाफ किसी भी महिला चेहरे को अहम जिम्मेदारी देना चाहते हैं। ऐसे में लॉकेट चटर्जी को केंद्रीय मंत्रिमंडल में जगह मिलने की संभावना से भी इनकार नहीं किया जा सकता है।

एक नाम बांकुड़ा से सांसद सुभाष सरकार का भी लिया जा रहा है। इसके दो कारण है। पहला वे राज्य भाजपा के बहुत पुराने नेता हैं। दूसरा उनका आरएसएस से जुड़ाव। सूत्रों के मुताबिक केंद्रीय मंत्रिमंडल में फेरबदल से कूचबिहार के सांसद निशीथ प्रमाणिक का भाग्य उदय हो सकता है कारण विधानसभा चुनाव में भाजपा ने दक्षिण बंगाल की तुलना में उत्तर बंगाल में बेहतर प्रदर्शन किया है।

भाजपा के केंद्रीय नेतृत्व के एक वर्ग के अनुसार उस सफलता में अधिकांश योगदान निशीथ प्रमाणिक का है। नतीजतन, शीर्ष नेतृत्व निशीथ को उत्तर बंगाल के चेहरे के रूप में तरजीह दे सकता है। इसके अलावा मतुआ वोट बैंक को ध्यान में रखते हुए बनगांव के सांसद शांतनु ठाकुर का नाम भी केंद्रीय मंत्री बनने की सूची में आगे है।

इसके अलावा भाजपा के दो और सांसद अर्जुन सिंह और सौमित्र खान कई दिनों से दिल्ली में डेरा डाले हुए है। इन अटकलों के बीच मुकुल राय के अचानक भाजपा से शुक्रवार को टीएमसी में चले जाने से समीकरण की फिर से समीक्षा होगी, कारण सूत्रों के मुताबिक बीजेपी के शीर्ष नेतृत्व का टीएमसी से भाजपा में आये हुए नेताओं से भरोसा कम हुआ है। हालांकि अभी कोई अंतिम निर्णय नहीं हुआ है। फिर भी मोदी-शाह-नड्डा सभी कुछ देखते परखते हुए केंद्रीय मंत्रिमंडल में बंगाल के सांसदों को जगह देंगे।

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