वाराणसी। गुरू पूर्णिमा 2024: गुरु पूर्णिमा पर्व गुरुओं और भगवान विष्णु माता लक्ष्मी का आशीर्वाद पाने के लिए विशेष होता है। इस साल गुरु पूर्णिमा पर विशेष योग बन रहे हैं जो व्रत-पूजा का कई गुना फल देंगे।
आषाढ़ पूर्णिमा 2024 : पंचांग के अनुसार आषाढ़ माह के शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा तिथि 20 जुलाई को शाम 05 बजकर 59 मिनट पर शुरू होगी। फिर इसका समापन 21 जुलाई, 2024 को दोपहर 3 बजकर 46 मिनट पर होगा। लिहाजा आषाढ़ पूर्णिमा 21 जुलाई 2024 को मनाई जाएगी। यानी कि गुरुओं की पूजा का पर्व गुरु पूर्णिमा 21 जुलाई 2024, रविवार को मनाया जाएगा। वहीं पूर्णिमा के दिन चंद्र देव की भी पूजा की जाती है, चंद्रमा को अर्घ्य दिया जाता है। इस पूर्णिमा पर चंद्रोदय का समय शाम 6 बजकर 47 मिनट पर है।
गुरु पूर्णिमा पूजा विधि : आषाढ़ पूर्णिमा का व्रत 21 जुलाई 2024 को रखा जाएगा। इसी दिन गुरू पूर्णिमा पर्व मनाया जाएगा। इस दिन गंगा स्नान का बड़ा महत्व है। यदि गंगा में स्नान न कर पाएं तो घर पर ही पानी में गंगाजल मिलाकर स्नान करें। फिर सूर्यदेव को जल चढ़ाएं। लक्ष्मी जी और भगवान विष्णु की पूजा करें। साथ ही वेद व्यास जी की पूजा करें। सभी देवी-देवताओं को फल, फूल, धूप, दीप, अक्षत, हल्दी आदि चीजें अर्पित करें।
‘गुरुर्ब्रह्मा गुरुर्विष्णु र्गुरुर्देवो महेश्वरः
गुरु साक्षात परब्रह्मा तस्मै श्रीगुरवे नमः‘
इस मंत्र का पाठ करें। भगवान विष्णु और गुरु चालीसा और गुरु कवच का पाठ करें। खीर और फल आदि का भोग लगाएं। दीपक जलाकर आरती करें। अंत में सच्चे मन से बल, बुद्धि, विद्या, सुख और समृद्धि की कामना करें। पूर्णिमा के दिन अपनी सामर्थ्य के अनुसार गरीबों में अन्न, धन और वस्त्र आदि का दान करें। शाम को चंद्रमा को अर्घ्य दें। इससे जीवन में हमेशा खुशहाली बनी रहती है। सुख-समृद्धि बढ़ती है।
ज्योतिर्विद रत्न वास्तु दैवज्ञ
पंडित मनोज कृष्ण शास्त्री
मो. 99938 74848
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