कब है अष्टमी और नवमी, क्या है कन्या पूजन का शुभ मुहूर्त?

वाराणसी। पंडित श्री मनोज कृष्ण शास्त्री जी बताते हैं कि 10 अक्टूबर को दोपहर 12:31 से अष्टमी तिथि प्रारंभ होगी और 11 अक्टूबर को दोपहर 12:06 पर इसका समापन होगा. तो वहीं नवमी तिथि 11 अक्टूबर को दोपहर 12:06 से प्रारंभ होकर 12 अक्टूबर सुबह 10:58 पर समाप्त होगी। इसके अलावा 11 अक्टूबर को अष्टमी व्रत नहीं रखा जाएगा, क्योंकि सप्तमी युक्त अष्टमी व्रत रखना धर्म ग्रंथो में निषेध माना जाता है। साथ ही 11 अक्टूबर को अष्टमी तिथि दोपहर तक रहेगी और उसके बाद नवमी तिथि प्रारंभ हो जाएगी। अष्टमी अथवा नवमी का व्रत एक ही दिन रखा जा सकता है। इस वजह से इस वर्ष नवरात्रि में अष्टमी और नवमी तिथि एक ही दिन मनाई जाएगी।

11 अक्टूबर को कई शुभ मुहूर्त भी कन्या पूजन के लिए बन रहे हैं। जिसमें ब्रह्म मुहूर्त सुबह 4:40 से लेकर 5:29 तो अभिजीत मुहूर्त 11:43 से लेकर 12:30 तक रहेगा। विजय मुहूर्त 2:03 से लेकर 2:49 तो इसके अलावा गोधूलि मुहूर्त 5:55 से लेकर 6:19 तक रहेगा। इस मुहूर्त में आप कन्या पूजन कर सकते हैं।

नवरात्रि में कन्या पूजन का विशेष महत्व माना जाता है। क्योंकि लोग नवरात्रि की अष्टमी और नवमी तिथि को नौ कन्या को भोजन कराते हैं। इन कन्याओं को माता रानी का स्वरूप माना जाता है। इनको शुद्ध और सात्विक भोजन कराया जाता है। अपने समर्थ अनुसार इनका दान दिया जाता है। ऐसा करने से माता रानी प्रसन्न भी होती है।

ज्योतिर्विद रत्न वास्तु दैवज्ञ
पंडित मनोज कृष्ण शास्त्री
मो. 99938 74848

पंडित मनोज कृष्ण शास्त्री

ताज़ा समाचार और रोचक जानकारियों के लिए आप हमारे कोलकाता हिन्दी न्यूज चैनल पेज को सब्स्क्राइब कर सकते हैं। एक्स (ट्विटर) पर @hindi_kolkata नाम से सर्च करफॉलो करें।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

15 + one =