कोलकाता। प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की गाड़ी, पश्चिम बंगाल सरकार के एसएसकेएम अस्पताल का एक कटआउट और रुपयों की मोटी-मोटी गड्डियों की डमी- कुछ इस तरह से कोलकाता में भाजपा के दुर्गा पूजा पांडाल राज्य में भ्रष्टाचार के कथित मामलों को उजागर करते नजर आए। जैसे ही आप साल्ट लेक एरिया के पूर्वी क्षेत्रीय सांस्कृतिक केंद्र में अंदर घुसते हैं, कोयला तस्करी, पशु तस्करी, नारद घोटाला और शारदा चिटफंड घोटाला के पोस्टर दीवारों पर चिपके मिलंगे. राज्य के पूर्व शिक्षा मंत्री पार्थ चटर्जी की जब्त संपत्ति का थर्मोकोल कटआउट भी परिसर में खड़ा है। इस सबका क्या मतलब है? पश्चिम बंगाल में भ्रष्टाचार से लड़ना।
पूर्व मंत्री और उनकी ‘करीबी सहयोगी’ अर्पिता चटर्जी को ईडी ने जुलाई में कथित स्कूल सेवा आयोग (एसएससी) घोटाले के सिलसिले में गिरफ्तार किया था। सरकारी स्कूलों में शिक्षण और गैर-शिक्षण कर्मचारियों की नकदी के बदले में अनियमित नियुक्ति को लेकर यह मामला सामने आया था। ईडी ने अर्पिता के फ्लैट से 21 करोड़ रुपये जब्त किए और फिर एक दिन बाद अर्पिता को गिरफ्तार कर लिया गया।
बंगाल भाजपा अध्यक्ष डॉ सुकांत मजूमदार ने बताया, ‘हम उन लोगों के लिए मां दुर्गा से प्रार्थना कर रहे हैं जो घोटालों के चलते ठगे गए हैं और न्याय के इंतजार में हैं। मां दुर्गा पश्चिम बंगाल राज्य में भ्रष्टाचार को दूर करने में मदद करें और साथ ही मैंने यह भी प्रार्थना की है कि पंचायत चुनावों के दौरान कोई हिंसा न हो।
सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस के प्रवक्ता कुणाल घोष ने कहा, ‘भाजपा को अहसास है कि उसका यहां (बंगाल में) कोई आधार नहीं है। इसलिए वह नौटंकी करने में लगे हैं। वरना भाजपा शासित राज्यों में भ्रष्टाचार और महिलाओं के खिलाफ अत्याचार के मामले हर दिन चर्चा में आते हैं। बंगाल में इस तरह की नौटंकी से लोगों को अपनी ओर नहीं खींचा जा सकता है। खैर! हर कोई अपनी तरह से दुर्गा पूजा मनाने के लिए आजाद है।