स्वतंत्रता दिवस और गणतंत्र दिवस में झंडा फहराने में क्या अंतर है?

आशा विनय सिंह बैस, नई दिल्ली। जानिए स्वतंत्रता दिवस और गणतंत्र दिवस में झंडा फहराने में क्या अंतर है?

1) पहला अंतर : स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर झंडे को नीचे से रस्सी द्वारा खींच कर ऊपर ले जाया जाता है। फिर इसे खोल कर फहराया जाता है। इसे ‘ध्वजारोहण’ कहा जाता है क्योंकि यह 15 अगस्त 1947 की ऐतिहासिक घटना को सम्मान देने हेतु किया जाता है। जब देश के पहले प्रधानमंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरू ने यूनियन जैक को हटाकर तिरंगे का ध्वजारोहण किया था। इसे अंग्रेजी में ‘Flag Hoisting’ कहा जाता है।
जबकि
गणतंत्र दिवस के अवसर पर झंडा ऊपर ही बंधा रहता है, जिसे खोल कर फहराया जाता है। इसे ‘झंडा फहराना’ या अंग्रेजी में ‘Flag Unfurling’ कहा जाता है।

2) दूसरा अंतर : स्वतंत्रता दिवस के दिन प्रधानमंत्री जो कि केंद्र सरकार के मुखिया होते हैं वो ध्वजारोहण करते हैं। क्योंकि स्वतंत्रता के समय (15 अगस्त 1947 को) भारत का संविधान लागू नहीं हुआ था और राष्ट्रपति जो कि राष्ट्र के संवैधानिक प्रमुख होते है, उन्होंने पदभार ग्रहण नहीं किया था। हालांकि इस दिन शाम को राष्ट्रपति अपना सन्देश राष्ट्र के नाम देते हैं।
जबकि
गणतंत्र दिवस जो कि देश में संविधान लागू होने के उपलक्ष्य में मनाया जाता है, उस दिन संवैधानिक प्रमुख यानि राष्ट्रपति झंडा फहराते हैं।

3) तीसरा अंतर : स्वतंत्रता दिवस के दिन लाल किले से ध्वजारोहण किया जाता है।
जबकि
गणतंत्र दिवस के दिन राजपथ पर झंडा फहराया जाता है।

4) चौथा और सबसे बड़ा अंतर : स्वतंत्रता दिवस के दिन 15 अगस्त को ध्वजारोहण किया जाता है।
जबकि
गणतंत्र दिवस के दिन 26 जनवरी को झंडा फहराया जाता है।

आशा विनय सिंह बैस, लेखिका

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