नयी दिल्ली/कोलकाता। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हाल ही में पश्चिम बंगाल में हुई हिंसा पर दुख और संवेदना व्यक्त करते हुए राज्य सरकार से अपील की है कि वह बीरभूम में हुई हिंसा में शामिल लोगों को सजा दिलाए। मोदी ने कहा कि केंद्र सरकार ऐसे अपराधियों को कानून के हवाले करने में राज्य सरकार की हर संभव मदद करने को तैयार है। उन्होंने कहा कि ऐसे अपराधियों को हौसला देने वालों को भी माफ न किया जाए। प्रधानमंत्री शहीद दिवस के अवसर पर वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से कोलकाता के विक्टोरिया मेमोरियल हॉल में बिप्लोबी भारत गैलरी का उद्घाटन कर रहे थे।
मोदी ने कहा,“ मैं पश्चिम बंगाल के बीरभूम में हुई हिंसक वारदात पर दुख व्यक्त करता हूं, अपनी संवेदना व्यक्त करता हूं। मैं आशा करता हूं कि राज्य सरकार, बंगाल की महान धरती पर ऐसा जघन्य पाप करने वालों को जरूर सजा दिलवाएगी। केंद्र सरकार की तरफ से मैं राज्य को इस बात के लिए आश्वस्त करता हूं कि अपराधियों को जल्द से जल्द सजा दिलवाने में जो भी मदद वह चाहेगी, उसे मुहैया कराई जाएगी। ”
मोदी ने राज्य की जनता का आह्वान किया कि वह ऐसी जघन्य वारदात करने वालों और उनका हौसला बढ़ाने वालों को कभी नहीं माफ करें।
उन्होंने कहा, “मैं बंगाल के लोगों से भी आग्रह करूंगा कि ऐसी वारदात को अंजाम देने वालों को, ऐसे अपराधियों का हौसला बढ़ाने वालों को कभी माफ न करें।” गौरतलब है कि पश्चिम बंगाल के बीरभूम जिले के बोगतुई गांव में अज्ञात बदमाशों ने मंगलवार को कई घरों में आग लगा दी थी, जिसमें कम से कम आठ लोगों की झुलस कर मौत हुई थी। इस घटना को ‘भयावह’ बताते हुए, राज्य के राज्यपाल जगदीप धनखड़ ने कहा कि बंगाल ‘हिंसा संस्कृति और अराजकता की चपेट में है। उन्होंने इस संबंध में मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को पत्र लिखा है।
प्रधानमंत्री ने इस अवसर पर देश के लिए प्राण न्योछावर करने वाले शहीदों को भावभीनी श्रद्धांजलि देते हुए कहा कि अमर शहीद भगत सिंह, राजगुरु और सुखदेव के बलिदान की गाथा देश के बच्चे-बच्चे की जुबान पर हैं। हम सबको इन वीरों की गाथाएं, देश के लिए दिन रात मेहनत करने के लिए प्रेरित करती हैं।हमारे अतीत की विरासतें हमारे वर्तमान को दिशा देती हैं, हमें बेहतर भविष्य गढ़ने के लिए प्रेरित करती हैं। इसलिए, आज देश अपने इतिहास को, अपने अतीत को, ऊर्जा के जाग्रत स्रोत के रूप में देखता है।”
प्रधानमंत्री ने देश की सांस्कृतिक एवं ऐतिहासिक धरोहरों की रक्षा की जरूरत पर बल देते हुए कहा,“ आपको वह समय भी याद होगा जब हमारे यहाँ आए दिन प्राचीन मंदिरों की मूर्तियाँ चोरी होने की खबरें आती थीं। हमारी कलाकृतियाँ बेधड़क तस्करी कर विदेशों में ऐसे भेज दी जाती थीं, जैसे उनकी कोई अहमियत ही नहीं हो।” उन्होंने कहा कि भारत अब भारत की उन धरोहरों को वापस ला रहा है।