कोलकाता। शिक्षक भर्ती घोटाले के सिलसिले में प्रवर्तन निदेशालय द्वारा गिरफ्तार किए गए बंगाल के वरिष्ठ मंत्री पार्थ चटर्जी से मीडिया बार-बार इस्तीफे को लेकर पूछ रहे हैं। शहर के जोका में ईएसआई अस्पताल के बाहर पत्रकारों ने उनसे संपर्क किया, जहां उन्होंने तीखा जवाब दिया। बता दें कि पूरे मामले की जांच प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) कर रही है। इस संबंध में उनसे ईडी पूछताछ कर रही है। इस खुलासे के बाद बंगाल की राजनीति में भूचाल सा ला दिया है। चटर्जी को कड़ी सुरक्षा के बीच केंद्र सरकार द्वारा संचालित चिकित्सा सुविधा में ले जाया गया और लगभग दो घंटे बाद साल्टलेक क्षेत्र में सीजीओ परिसर में ईडी कार्यालय ले जाया गया।
पत्रकारों द्वारा बार-बार पूछे जाने पर कि क्या वह मंत्री के पद से इस्तीफा देने पर विचार कर रहे हैं, चिढ़ कर चटर्जी ने पलटवार किया, “क्या कारण है (इस्तीफा देने का)?” केंद्रीय एजेंसी के एक अधिकारी ने कहा कि ईडी ने विभिन्न स्थानों पर छापेमारी की, जो कथित तौर पर गिरफ्तार मंत्री की करीबी सहयोगी अर्पिता मुखर्जी के स्वामित्व में है। बंगाल के गिरफ्तार मंत्री पार्थ चटर्जी की सहयोगी अर्पिता मुखर्जी के घर से नकदी का एक और ढेर बरामद किया गया है। उन्होंने कहा, “हमें अर्पिता के बेलघोरिया (शहर के उत्तरी हिस्से में) और राजडांगा (दक्षिणी हिस्से में) में एक फ्लैट मिला है, जहां उनका कार्यालय है। जहां से भारी मात्रा में नकदी बरामद हुए हैं।”
मंत्री और उनके सहयोगी से पूछताछ के बारे में पूछे जाने पर अधिकारी ने कहा कि हालांकि मुखर्जी “पूरे समय सहयोगी रही हैं”, जबकि बंगाल के पूर्व शिक्षा मंत्री “असहयोगी” थे। चटर्जी अब संसदीय कार्य मंत्री हैं। अधिकारी ने कहा, “हमें चटर्जी से डील करना काफी मुश्किल लग रहा है। अधिकारी ने बताया कि उनसे अर्पिता और टीएमसी विधायक माणिक भट्टाचार्य और पश्चिम बंगाल प्राथमिक शिक्षा बोर्ड के पूर्व अध्यक्ष के साथ पूछताछ की जा सकती है। ईडी ने स्कूल सेवा आयोग द्वारा शिक्षकों की भर्ती में अनियमितताओं की जांच के सिलसिले में शनिवार को चटर्जी को गिरफ्तार किया था, जो टीएमसी महासचिव भी हैं।