कोलकाता। कलकत्ता हाईकोर्ट में जस्टिस राजशेखर मंथा को लेकर चल रहे हंगामे पर राज्यपाल सीवी आनंद बोस ने कड़ी फटकार लगाई है। राजभवन के ने बताया कि राज्यपाल के निर्देश के बाद मुख्य सचिव एच.के. द्विवेदी, गृह सचिव बी.पी. गोपालिका और कोलकाता के पुलिस आयुक्त विनीत गोयल ने राजभवन में उन्हें स्थिति से अवगत कराया। राज्यपाल बोस ने कलकत्ता हाईकोर्ट में वकीलों के रवैए की कड़ी निंदा की है। राज्यपाल सीवी आनंद बोस ने न्यायमूर्ति राजशेखर मांथा के आवास और उच्च न्यायालय परिसर में उनके नाम से भद्दे पोस्टर लगाने और अदालत कक्ष के बाहर विरोध प्रदर्शन करने के संबंध में कड़ी प्रतिक्रिया दी।
राज्यपाल ने कहा, ‘न्यायपालिका को कभी भी डराया-धमकाया नहीं जा सकता। इसकी अनुमति कतई नहीं दी जा सकती। सूत्रों के मुताबिक उन्होंने यह भी कहा कि अगर किसी को फैसला पसंद नहीं आता है तो वो कोर्ट जाए।’ बता दें कि कलकत्ता हाईकोर्ट के जस्टिस मंथा के कुछ फैसले को लेकर वकीलों के एक समूह ने उनका बहिष्कार किया। मंथा के बहिष्कार को लेकर कोर्ट में दो दिनों से हंगामा जारी है।
राज्यपाल सीवी आनंद बोस ने राज्य के गृह सचिव और कोलकाता पुलिस आयुक्त को राजभवन तलब किया। पुलिस और प्रशासन के सूत्रों के मुताबिक, ‘राज्यपाल ने उनसे कहा कि न्यायपालिका को कभी भी डराया-धमकाया नहीं जा सकता। इसकी अनुमति कतई नहीं दी जा सकती। सूत्रों के मुताबिक उन्होंने यह भी कहा कि अगर किसी को फैसला पसंद नहीं आता है तो वह हाईकोर्ट जा सकता है। न्यायपालिका को डराने की कोशिश दुनिया में कहीं नहीं होती।’ साथ ही राज्यपाल ने न्यायमूर्ति मंथा को समुचित सुरक्षा मुहैया कराने का आदेश दिया। राज्यपाल ने कहा कि जस्टिस मंथा की सुरक्षा व्यवस्था सुनिश्चित की जाए। सूत्रों के मुताबिक राज्यपाल यह भी जानना चाहते हैं कि पोस्टर हटाए गए हैं या नहीं। राज्यपाल ने पुलिस कमिश्नर को भी तलब किया।
कोलकाता के पुलिस कमिश्नर विनीत कुमार गोयल ने कहा कि शहर की पुलिस ने जस्टिस मंथा के आवास के पास पोस्टर लगाने की घटना के लिए जिम्मेदार लोगों का पता लगाने के लिए विस्तृत जांच शुरू कर दी है। इस मामले में अब तक किसी को गिरफ्तार नहीं किया गया है। उन्होंने यह भी कहा कि वह इस मामले की जानकारी दिल्ली में देंगे।