कोलकाता : ( West Bengal ) प्रदेश के सभी शिक्षण संस्थानों में तुरंत छात्र संघ चुनाव कराया जाए। कलकत्ता हाई कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश टीएस शिवज्ञानम ने मंगलवार को जादवपुर छात्र की मौत को लेकर दायर एक मामले में ऐसा आदेश दिया। हाई कोर्ट (कलकत्ता हाई कोर्ट) के मुख्य न्यायाधीश ने आदेश दिया है कि सभी पहलुओं को देखने के बाद चुनाव कराया जाए। गौरतलब है कि कुछ दिन पहले मुख्यमंत्री ने छात्र संसद के चुनाव की भी घोषणा की थी। उन्होंने संकेत दिया कि पूजा के बाद छात्र चुनाव हो सकते हैं।
इस बार हाई कोर्ट ने भी राज्य को तुरंत छात्र चुनाव कराने का आदेश दिया. अदालत ने राज्य को यह भी निर्देश दिया कि वह हलफनामे के जरिये यह जानकारी दे कि राज्य ने छात्र चुनाव के लिए अधिसूचना जारी कर दी है या नहीं। साथ ही जज ने कहा, अगर किसी शिक्षण संस्थान में एंटी रैगिंग स्क्वाड नहीं है तो इसका गठन तुरंत किया जाना चाहिए। जज ने इस मामले में राज्य की भूमिका भी जाननी चाही। गौरतलब है कि छह साल पहले 2017 में राज्य के कॉलेजों, विश्वविद्यालयों में आखिरी बार छात्र परिषद के चुनाव हुए थे।
उसके बाद कुछ कॉलेजों में छिटपुट वोट पड़े लेकिन कुल मिलाकर कुछ नहीं हुआ। इस संबंध में शिक्षा मंत्री ब्रत्य बसु कई बार कह चुके हैं कि वे छात्र संसद चुनाव में सक्रिय हैं। परिस्थिति के अनुसार चयन किया जायेगा। बार-बार विपक्षी छात्र संगठन इसे लेकर सामने आते रहे हैं। रास्ते में उसने विरोध किया। लेकिन फिर भी, छात्र संघ वोट का सवाल अभी भी संदेह में है।
हाल ही में जादवपुर यूनिवर्सिटी में छात्र की मौत के मामले में छात्र वोटिंग का मुद्दा फिर उठा। 28 अगस्त को तृणमूल छात्र परिषद के स्थापना दिवस पर मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने भी छात्र संघ का वोट कराने की पहल की थी। उन्होंने कहा, ”छात्र चुनाव होने चाहिए। आप शांतिपूर्वक मतदान करें। शायद पूजा के बाद चुनाव हो। चर्चा के बाद मैं जिले को निर्देश दूंगी। इस बार हाईकोर्ट ने भी तत्काल छात्र चुनाव कराने का आदेश दिया।