सांसद जी स्वागतम! लोकतंत्र का मंदिर आपका इंतजार कर रहा है

18वीं लोकसभा को लेकर संसद भवन में सांसदों के स्वागत की तैयारियां शुरू- अधिकारियों की विशेष टीम का गठन
नए सांसदों के दिल्ली आने पर एयरपोर्ट, रेलवे स्टेशन अन्य प्रमुख जगहों पर सचिवालय की ओर से काउंटर बनेंगे

लोकतंत्र के पवित्र मंदिर लोकसभा भवन में जनता के प्रतिनिधियों के स्वागत की तैयारी, स्वागत योग्य है- एडवोकेट किशन सनमुखदास भावनानी गोंदिया

एडवोकेट किशन सनमुखदास भावनानी, गोंदिया, महाराष्ट्र। वैश्विक स्तर पर पूरी दुनियां में लोकसभा के सबसे बड़े महापर्व का आयाेजन भारत में शुरू है, जिसका अंतिम चरण 1 जून 2024 को होगा जिसमें 57 लोकसभा सीटों के लिए चुनाव होने के साथ ही इस महापर्व का समापन होगा और इसके नतीजे 4 जून 2024 को सुबह से ही आने शुरू हो जाएंगे, जिस पर पूरी दुनियां की नजरे एकटक लगी हुई है। क्योंकि मुझे ऐसा लगता है की पूरी दुनियां को उम्मीद है कि यहीं से दुनियां के विकास की गाथा लिखने का नया अध्याय शुरू होगा, क्योंकि पूरी दुनियां के बड़े-बड़े नेतृत्व इसका इंतजार कर रहे हैं, फिर भारत से अपनी पहल शुरू करेंगे। चूंकि अभी पिछले दो माह से चुनावी तैयारियों का पारा चढ़ा हुआ है, व हर पार्टी का नेतृत्व इस महापर्व की चुनावी सेवा मस्ती में मस्त है, परंतु 4 जून 2024 के बाद हम देखेंगे कि बहुत तेजी से विकास की गाड़ी पटरी पर दौड़ेगी। अनेक देशों के साथ फ्री ट्रेड एग्रीमेंट की प्रक्रिया तेजी से आगे बढ़ेगी मेरा ऐसा मानना है कि, मंत्रिमंडल की पहली बैठक में ही अनेक महत्वपूर्ण निर्णय लेने की संभावना से इनकार नहीं किया जा सकता।

परंतु सबसे बड़ा पल अभी यह है कि भिन्न-भिन्न सांसदों का नए संसद भवन में स्वागत और लोकतंत्र के मंदिर की धूल अपने माथे पर लगाने के लिए सभी उम्मीदवार अति उत्सुक हैं। परंतु चूंकि हजारों उम्मीदवार हैं और सीटें केवल 543 हैं, इसीलिए सबकी नजरें लगी हुई है कि कौन है वह भाग्यशाली जो पवित्र मंदिर की दहलीज पर सांसद बनकर कदम रखेंगे। हालांकि इसके लिए चुनाव आयोग और संसद भवन के अधिकारियों की चर्चा होकर लोकसभा भवन में तैयारी का दौर शुरू है हो चुका है इसलिए अधिकारियों की एक समिति का गठन भी कर दिया गया है जो तैयारी कर रहे हैं, इस तरह नए सांसदों को खासकर जो पहली बार चुनकर आ रहे हैं उनको कोई तकलीफ ना हो उनके लिए दिल्ली आने पर एयरपोर्ट, रेलवे स्टेशन व अन्य महत्वपूर्ण स्थान पर सचिवालय की तरफ से काउंटर बनाए जा रहे हैं, ताकि शालीनता से उन्हें गंतव्य स्थान पर पहुंचा जा सके। मेरा मानना है कि हर उम्मीदवार इसकी चाहत लगा बैठा है। परंतु चुंकि 18वीं लोकसभा के गठन का दिन बहुत नजदीक आ गया है, इसलिए आज हम मीडिया में उपलब्ध जानकारी के सहयोग से इस आलेख के माध्यम से चर्चा करेंगे, लोकतंत्र के पवित्र मंदिर लोकसभा भवन में जनता के प्रतिनिधियों के स्वागत की तरह तैयारी स्वागत योग्य है।

साथियों बात अगर हम 18वीं लोकसभा की तैयारियों व आगंतुक सांसदों के स्वागत की करें तो, देश में लोकसभा चुनाव के छह चरण पूरे हो चुके है। आखरी सातवें चरण का चुनाव बचा हैं और चार जून को देश में किसकी सरकार बनेगी यह तय हो जायेगा। चुनाव के बीच ही 18वीं लोकसभा को लेकर संसद में तैयारियां शुरू हो गयी है। नये सांसदों को सुविधा मुहैया कराने के लिए अधिकारियों की विशेष टीम का गठन किया गया है और सांसदों के लिए विशेष काउंटर बनाए गए हैं। नये सांसदों के दिल्ली आने पर विशेष काउंटर पर लाने के लिए, एयरपोर्ट रेलवे स्टेशन और प्रमुख जगहों पर विशेष टीम तैयार रहेगी और सांसदों को पंजीकरण के लिए काउंटर पर लाने का काम करेगी, इस काम के लिए लोकसभा सचिवालय के अधिकारियों को तैनात किया जायेगा। जो सांसद पहली बार चुनकर आयेंगे उस पर विशेष ध्यान रखा जायेगा, जिससे उन्हें किसी भी तरह की असुविधा का सामना नहीं करना पड़े। नए सांसदों को पहले दिन काउंटर पर स्मार्ट कार्ड जारी किया जायेगा। साथ ही उनके ठहरने की उचित व्यवस्था भी होगी। गैर हिंदी भाषी क्षेत्र के सांसदों के लिये उस भाषा के जानकार अधिकारियों को तैनात किया जायेगा।

नये सांसदों को आवास के साथ फोन कनेक्शन, सांसद के वाहन के लिए फास्टैग, संसद भवन आने के लिए स्मार्ट कार्ड, सांसदों का बैंक खाता खोलने, डिप्लोमेटिक पासपोर्ट के लिए आवेदन, स्वास्थ्य सुविधा और अन्य जरूरी सेवा काउंटर पर उपलब्ध होगी पार्लियामेंट के एनेक्सी या संविधान सदन में इस बाबत एक बड़ा काउंटर बनाया जायेगा, जहां सभी तरह की आधुनिक सुविधा उपलब्ध है। नये सांसदों के लिए दिल्ली के विभिन्न राज्यों के भवन सहित सरकारी गेस्ट हाऊस जैसे वेस्टर्न कोर्ट आदि में कमरे बुक कराने की व्यवस्था की जा रही है। देखा जाए तो पिछले लोकसभा चुनाव के बाद कई सांसदों के लिए अशोका होटल में कमरे बुक करवाये गये थे, लेकिन अब सरकार खर्च को कम करने के लिए अशोका होटल में सांसदों को नहीं ठहरायेगी। सांसदों के लिए कई नये आवास का निर्माण हुआ है और बहुत हद तक आवास की समस्या कम हुई है। लेकिन अगर आवास की दिक्कत होती है तो सांसदों को राज्यों के भवन में ठहराने का निर्णय लिया गया है। साथ ही वेस्टर्न कोर्ट जैसे सरकारी गेस्ट हाउस को भी बुक कराया जायेगा, जिसमें सांसद आराम से रह सकें। पांच सितारा होटल अशोका में नहीं ठहराने का निर्णय इसलिए भी लिया गया है कि कई बार सांसद एक सप्ताह के लिए रूकते हैं, लेकिन आवास की सुविधा उपलब्ध हो जाने के बाद भी वह वहीं जमे रहते हैं, जिससे सरकारी खजाने पर वेबजह का बोझ पड़ता है।

साथियों बात अगर हम 18वीं लोकसभा के लिए संसद परिसर की करें तो, आम चुनाव के बाद जब 18वीं लोकसभा का पहला सत्र शुरू होगा तो संसद परिसर एक नए रूप में दिखेगा।दरअसल अलग-अलग इमारतों वाले पूरे परिसर को एकीकृत करने का काम चल रहा है। मीडिया में संसद सूत्रों ने बताया कि बाहरी क्षेत्रों के पुनर्विकास के तहत महात्मा गांधी, छत्रपति शिवाजी और महात्मा ज्योतिबा फुले सहित राष्ट्रीय महापुरुषों की प्रतिमाओं को पुराने संसद भवन के गेट नंबर पांच के निकट एक लॉन में ले जाया जाएगा। जिसे संविधान नाम दिया गया है। यह गज द्वार के सामने एक विशाल लॉन के निर्माण का मार्ग प्रशस्त करेगा। जिसका इस्तेमाल राष्ट्रपति और पीएम द्वारा नए संसद भवन में प्रवेश करने के लिए करते हैं। लॉन का इस्तेमाल आधिकारिक समारोहों के लिए भी किया जा सकता है, जैसे कि आमतौर पर बजट सत्र के दौरान संसद की संयुक्त बैठक में राष्ट्रपति का संबोधन। मीडिया के एक सूत्र ने कहा कि, लक्ष्य नई लोकसभा की बैठक से पहले पुनर्निर्मित संसद परिसर को तैयार करना है। संसद परिसर में चार इमारतें संसद भवन, संविधान सदन, संसद पुस्तकालय और संसदीय उपभवन शामिल हैं। जिनमें से प्रत्येक ढांचे का अपना अलग परिवेश और सुरक्षा व्यवस्था है।

मीडिया में सूत्र ने कहा कि पूरे परिसर को एक इकाई मानकर चल रहे सुधार प्रयासों की योजना बनाई जा रही है, जिससे वाहनों और लोगों की निर्बाध आवाजाही हो सकेगी। उन्होंने कहा, परिसर के भीतर वाहनों की आवाजाही से मुश्किल होती है, खासकर संसद सत्र के दौरान। जिससे परिसर के भीतर जाम लग जाता है। संसद पुस्तकालय की इमारत और उपभवन (एनेक्सी) को एक सड़क से अलग किया गया है। जिसमें एक स्वागत कार्यालय और बैरक हैं। एक परिसर की दीवार के साथ आवास सुरक्षा कार्यालय है। बाबासाहेब भीमराव आंबेडकर की प्रतिमा संसद परिसर के भीतर स्थित है। हजारों आगंतुक उनकी जयंती और पुण्यतिथि पर उन्हें श्रद्धांजलि देने के लिए परिसर में आते हैं। मीडिया में संसद के एक सूत्र ने बताया कि संसद परिसर के बाहर रेड क्रॉस रोड भी परिसर का एक हिस्सा बन जाएगा। दरअसल, उस जगह पर लोकसभा और राज्यसभा सदस्यों के लिए एक कार्यालय बनाने की योजना है, जहां पर अभी अंतरराष्ट्रीय रेड क्रॉस सोसायटी है। बैरकों की कतार को खाली कराया जा रहा है। संसद भवनों को उपभवन से अलग करने वाले परिसर की दीवार को भी ध्वस्त करने की योजना बनाई जा रही है। इन कार्यालयों को नए संसद भवन के नॉर्थ यूटिलिटी ब्लॉक में स्थानांतरित कर दिया गया है।

एडवोकेट किशन सनमुखदास भावनानी : संकलनकर्ता, लेखक, कवि, स्तंभकार, चिंतक, कानून लेखक, कर विशेषज्ञ

अतः अगर हम उपरोक्त पूरे विवरण का अध्ययन कर इसका विश्लेषण करें तो हम पाएंगे कि सांसद जी स्वागतम! लोकतंत्र का मंदिर आपका इंतजार कर रहा है। 18वीं लोकसभा को लेकर संसद भवन में सांसदों के स्वागत की तैयारियां शुरू- अधिकारियों की विशेष टीम का गठन। नए सांसदों के दिल्ली आने पर एयरपोर्ट, रेलवे स्टेशन अन्य प्रमुख जगहों पर सचिवालय की ओर से काउंटर बनेंगे। लोकतंत्र के पवित्र मंदिर लोकसभा भवन में जनता के नुमाइंदों के स्वागत की तैयारी, स्वागत योग्य है।

(स्पष्टीकरण : इस आलेख में दिए गए विचार लेखक के हैं और इसे ज्यों का त्यों प्रस्तुत किया गया है।)

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