कोलकाता। मौसम विज्ञान विभाग ने रविवार को कहा कि उत्तरी तेलंगाना के ऊपर निम्न दबाव का क्षेत्र बनने एवं बंगाल की खाड़ी से तेज दक्षिण-पूर्वी हवा चलने के कारण पश्चिम बंगाल में 20 अक्टूबर तक भारी वर्षा होने के आसार हैं। उसने मछुआरों का मंगलवार तक समुद्र में नहीं जाने की सलाह दी है और वर्षा के कारण नदियों में जलस्तर बढ़ने, निचले इलाकों में जलभराव होने तथा दार्जिलिंग एवं कलीमपोंग जिलों में भूस्खलन होने की चेतावनी दी है।
क्षेत्रीय मौसम विज्ञान केंद्र के उपनिदेशक संजीव बंदोपाध्याय ने कहा कि बारिश से राज्य में खेतों में खड़ी धान की फसल को नुकसान पहुंच सकता है। राज्य के कई जिलों में धान की फसल कटने को तैयार है। हावड़ा, हुगली और पूर्वी मेदिनीपुर समेत राज्य के दक्षिणी जिलों में हाल में वर्षा के कारण बाढ़ आयी है।
बंदोपाध्याय ने कहा कि कोलकाता समेत राज्य के दक्षिण जिलों में रविवार से भारी से अत्यधिक भारी वर्षा हो सकती है। उत्तरी बंगाल के जिलों में सोमवार से वर्षा गतिविधि तेज होगी। मौसम विज्ञान विभाग ने कहा कि उत्तरी तेलंगाना के ऊपर निम्न दबाव का क्षेत्र बनने एवं बंगाल की खाड़ी से तेज दक्षिण-पूर्वी हवा चलने के कारण बुधवार तक वर्षा होने की संभावना है।
उसने कहा कि दक्षिणी 24 परगना जिले और पूर्वी मेदिनीपुर में 40 से 50 किलोमीटर प्रति घंटे तक और कोलकाता, नदिया, हावड़ा, उत्तरी 24 परगना एवं पश्चिमी मेदिनीपुर जिलों में 30 से 40 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से तेज हवा चल सकती है।