कोलकाता । पश्चिम बंगाल में करोड़ों रुपये के शिक्षक भर्ती घोटाले की जांच कर रहे प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) को मुख्य आरोपी पार्थ चटर्जी और उनकी करीबी अर्पिता मुखर्जी के व्यक्तिगत या संयुक्त रूप से रखे गए 50 बैंक खातों का पता चला है। एजेंसी के अधिकारियों ने सभी संबंधित बैंक अधिकारियों से संपर्क किया है और विवरण मांगा है, जिसके बाद उन्हें फोरेंसिक ऑडिट के लिए भेजा जाएगा।
इस बीच ईडी के अधिकारियों को इस संबंध में एक और मुखौटा कंपनी का पता चला है, जिसमें 23 मार्च, 2012 को शुरू होने के बाद से कई बार निदेशकों के नाम बदले गए थे। उक्त कंपनी अनंत टेक्सफैब प्राइवेट लिमिटेड का पता क्लब टाउन हाइट्स, ब्लॉक 5, फ्लैट 8ए, 14 बी.टी. रोड, कोलकाता 700056 है। संयोग से यह अर्पिता मुखर्जी के फ्लैट का भी पता है, जहां से ईडी के अधिकारियों ने 28 जुलाई को भारी मात्रा में नकदी और सोना बरामद किया था।
ईडी के अनुसार, जब 23 मार्च, 2012 को कॉर्पोरेट इकाई बनाई गई थी, तब इसके तीन निदेशक पार्थ चटर्जी की मृत पत्नी, दिवंगत बबली चटर्जी, बेटी सोहिनी (भट्टाचार्य) चटर्जी और दामाद कल्याणमय भट्टाचार्य थे। 2016 में बेटी और पत्नी का नाम निदेशकों की सूची से हटा दिया गया और अर्पिता मुखर्जी का नाम शामिल कर लिया गया। हालांकि, कॉर्पोरेट मामलों के मंत्रालय के रिकॉर्ड के अनुसार, वर्तमान में कंपनी के दो मौजूदा निदेशक मृण्मय मालाकार और रनेश कुमार सिंह हैं।
ईडी के एक और अधिकारी ने कहा, ” शायद यह एक और शेल कंपनी है जिसका इस्तेमाल विभिन्न चैनलों में धन को डायवर्ट करने के लिए किया गया था। अब हम दो मौजूदा निदेशकों, मृण्मय मालाकार और रानेश की पहचान का पता लगाने की कोशिश कर रहे हैं।” ईडी ने इस सिलसिले में सोहिनी (भट्टाचार्य) चटर्जी और कल्याणमय भट्टाचार्य को पूछताछ के लिए तलब किया है। दोनों फिलहाल अमेरिका में सेटल हैं और ईडी ने उन्हें एक ईमेल भेजकर जल्द से जल्द कोलकाता पहुंचने को कहा।