Kolkata: 30 सितम्बर को होने वाले भवानीपुर उपचुनाव में प्राकृतिक संकट से निपटने के लिए चुनाव आयोग ने कई कदम उठाए हैं। लगातार बारिश में डूबे कोलकाता शहर में अलग-अलग इलाकों में रात भर में बारिश का पानी जमा हो गया है। आपदा के कारण आम लोगों की हालत खराब होती जा रही है। कोलकाता नगरपालिका इलाकों में जमे पानी को निकालने का प्रयास कर रही है।
हालांकि पहले से ही मौसम विभाग का पूर्वानुमान था, लेकिन जल जमाव संकट से कोई राहत नहीं मिली।इसी बारिश में भवानीपुर में उपचुनाव हो रहा है। इसलिए चुनाव आयोग ने प्राकृतिक आपदा से निपटने के लिए कई कदम उठाए हैं।
- जिन क्षेत्रों में पानी जमा होता है, उनकी पहचान कर ली गई है।
- सेक्टर अधिकारियों ने क्षेत्र का निरीक्षण किया है।
- उन सभी क्षेत्रों में पानी पंप करने के लिए पंपों की व्यवस्था की गई है।
- हर सीवर की सफाई कराई गई है।
- सभी पंपिंग स्टेशनों को नगर निगम द्वारा चालू रखा गया है।
- आपदा प्रबंधन टीम को तैयार रखा जा रहा है।
- वोट कर्मियों को रेनकोट दिए जाएंगे, हर बूथ पर शेड की भी व्यवस्था की जा रही है।
यह कहा जा सकता है कि कोलकाता नगर निगम को पहले ही चेतावनी दी गई थी। कई बूथों को भूतल से पहली मंजिल पर ले जाया गया है। आयोग ने 24 घंटे परिवहन की व्यवस्था की है। तारातल्ला से न्यू अलीपुर और रामतनु लाहिड़ी रोड जाने वाला रास्ता बारिश में पूरी तरह डूब गया। कहीं पानी घुटने के स्तर तक तो कहीं टखनों तक।
गलियों में फुटपाथों पर पानी बढ़ गया है। वहीं सड़क के दोनों ओर की लगभग सभी दुकानें पानी के चलते बंद हैं। वहीं, बागुईहाटी से लेकर कई इलाके जलमग्न हैं। अश्विनी नगर में स्थिति भयावह है। रात भर लगातार बारिश से घुटने भर पानी जमा हो गया है। इन सबके बीच खुले में एक इलेक्ट्रिक ट्रांसफर बॉक्स है, जिससे स्थानीय लोग दहशत में हैं।
पिछले सप्ताह दमदम में इसी तरह से खुले लाइट पोस्ट के बॉक्स से विद्युत स्पर्श कर दो स्कूली बच्चों की मौत हो गई थी। अलीपुर मौसम विभाग ने पिछले हफ्ते कोलकाता समेत कई जिलों में 30 से 40 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से तेज हवाएं चलने का अनुमान जताया है।