कोलकाता: पश्चिम बंगाल के औद्योगिक क्षेत्र वाली सात लोकसभा सीटों पर पांचवें चरण में भारी सुरक्षा व्यवस्था के बीच सोमवार सुबह सात बजे शुरू मतदान शुरू हो गया। आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि इस चरण में 1.25 करोड़ से अधिक मतदाता राज्य के 88 उम्मीदवारों में से सात का फैसला तय करने के लिए अपने संवैधानिक अधिकारों का प्रयोग करेंगे। राज्य में शांतिपूर्ण ढंग से मतदान संपन्न कराने के लिए केंद्रीय अर्धसैनिक बलों की 800 कंपनियों को तैनात किया गया है।
राज्य की इन सात संसदीय सीटों की 61,72,034 महिलाओं और लगभग 348 उभयलिंगी सहित 1,25,23,702 मतदाता तीन जिलों में फैले बनगांव (सुरक्षित), बैरकपुर, हावड़ा, उलुबेरिया, सेरामपुर, हुगली और आरामबाग निर्वाचन क्षेत्रों से अपने-अपने पसंदीदा प्रत्याशियों को जिताने के लिए मतदान करेंगे।
हुगली के श्रीरामपुर में मतदाताओं की संख्या सबसे अधिक 19,26,645 और बैरकपुर में सबसे कम 15,08,728 हैं।
चुनाव सूत्रों ने शनिवार को बताया कि राज्य में पांचवें चरण के मतदान के लिए नामांकन करने वाले 1,25,23,702 मतदाताओं में से कम से कम 571 मतदाता 100 वर्ष से अधिक उम्र के हैं और 85 वर्ष से अधिक उम्र के 80,775 मतदाता हैं।
आयोग के मुताबिक उत्तर 24 परगना जिले के बैरकपुर और बोनगांव निर्वाचन क्षेत्र सबसे अधिक हिंसा-प्रवण क्षेत्र हैं, जहां चुनाव आयोग के अधिकारी विशेष ध्यान रखे हुए हैं।
हालाँकि सभी सातों सीटों को स्पष्ट रूप से बहुकोणीय लड़ाई के लिए जाते हैं, लेकिन मतदाताओं का ध्यान सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस और मुख्य विपक्षी भारतीय जनता पार्टी पर है।
वर्ष 2019 के चुनाव में वामपंथियों का सफाया हो गया था और कांग्रेस के दो उम्मीदवारों ने विजय हासिल की थी। कांग्रेस ने जिस सीट पर जीत हासिल की थी उनमें मुर्शिदाबाद और मालदा जिले हैं। वर्ष 2019 के चुनाव में तृणमूल कांग्रेस और भाजपा ने क्रमशः राज्य की 22 और 18 लोकसभा सीटों पर विजय हासिल की थी।
इस बार, भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (भाकपा) के नेतृत्व वाले वाम दलों और कांग्रेस के बीच एक चुनावी गठबंधन हुआ है, जहां सबसे पुरानी पार्टी और कम्युनिस्टों ने अपने-अपने उम्मीदवार खड़े किए थे, वहां उम्मीदवार न उतारकर एक-दूसरे का समर्थन करेंगे।
तृणमूल कांग्रेस और भाजपा ने सभी सात उम्मीदवार, माकपा ने छह और कांग्रेस ने उलुबेरिया में उम्मीदवार उतारे हैं। चुनाव आयोग ने बोनगांव और बैरकपुर लोकसभा सीटों पर विशेष ध्यान केंद्रित किया है और सीएपीएफ की 799 कंपनियां तैनात की हैं, जबकि 25,000 से अधिक राज्य पुलिस स्वतंत्र और निष्पक्ष मतदान सुनिश्चित कराने के लिए अपना कर्तव्य निभा रही हैं।
सीएपीएफ मतदान केंद्र की निगरानी करेगा और इससे पहले चौथे चरण में कई स्थानों पर बूथों के बाहर छिटपुट हिंसा के बाद मतदाताओं को मतदान केंद्रों तक आने से रोकने के बाद इस बार त्वरित प्रतिक्रिया दल को मजबूत किया गया है।
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