विवेकानंद जयंती : राष्ट्रीय युवा दिवस के अवसर पर अखिल भारतीय युवा लेखक सम्मिलन का आयोजन

कोलकाता। साहित्य अकादेमी द्वारा क्षेत्रीय कार्यालय, कोलकाता के सभागार में स्वामी विवेकानंद जयंती की 161वीं जयंती के उपलक्ष में राष्ट्रीय युवा दिवस के अवसर पर अखिल भारतीय युवा लेखक सम्मिलन का आयोजन किया गया, जिसमें अठारह भाषाओं के युवा लेखकों ने भागीदारी की। सम्मिलन का उद्घाटन विवेकानंद इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज, कोलकाता के प्रभारी स्वामी शक्तिप्रदानंद ने किया। उन्होंने अपने भाषण में विवेकानंद के विचारों को उद्धृत करते हुए पूरी दुनिया की मनीषा पर पड़े उसके प्रभावों की चर्चा की। प्रसंगवश उन्होंने उनकी कविताओं को भी प्रस्तुत किया।

आरंभ में साहित्य अकादेमी के सचिव के. श्रीनिवासराव ने स्वागत भाषण करते हुए विवेकानंद को युवाओं के लिए अजस्र प्रेरणास्रोत बताते हुए अकादेमी द्वारा युवाओं को प्रोत्साहित करने के लिए चलाई जा रही योजनाओं के बारे में बताया। कवि सुबोध सरकार ने अपने वक्तव्य में युवा पीढ़ी पर विवेकानंद के प्रभाव की चर्चा करते हुए डिजिटल माध्यम पर उपलब्ध साहित्य तथा डिजिटल साहित्य के अंतर को रेखांकित किया। अकादेमी के क्षेत्रीय सचिव देवेंद्र कुमार देवेश ने सत्रांत में धन्यवाद ज्ञापन विवेकानंद को अनुकरणीय व्यक्तित्व का स्वामी बताते हुए कहा कि उन्हें हम जब भी पढ़ते हैं, नया प्रकाश, नई प्रेरणा, नया उत्साह पाते हैं।

सम्मिलन का प्रथम सत्र ‘युवा पीढ़ी एवं डिजिटल साहित्य’ विषय पर केंद्रित था, जिसकी अध्यक्षता गुजराती लेखिका दर्शनी दादावाला ने की। इस सत्र में बांग्ला लेखक अनिर्वाण भट्टाचार्य, हिंदी लेखक संदीप प्रसाद एवं मळयालम् लेखिका सूर्या गोपी ने अपने आलेख प्रस्तुत किए। वक्ताओं ने डिजिटल माध्यम से प्रकाशित होनेवाले विभिन्न प्रकार की सर्जनात्मक अभिव्यक्तियों को संदर्भित करते हुए उसके प्रति युवा पीढ़ी के रुझान, संबंधित चुनौतियों और संभावनाओं पर अपने विचार व्यक्त किए। द्वितीय सत्र कहानी-पाठ का था, जिसमें सत्राध्यक्ष आर. सुनील कृष्णन (तमिळ) सहित थिंगनम परशुराम (मणिपुरी), विवेक कुडु (मराठी) एवं श्रुतकीर्ति त्रिपाठी (ओड़िआ) ने अपनी कहानियों का पाठ अंग्रेजी अनुवाद में प्रस्तुत किया।

तृतीय सत्र कविता-पाठ का था, जिसकी अध्यक्षा प्रख्यात अंग्रेजी कवयित्री संयुक्ता दासगुप्त ने की। इस सत्र में अंकुर रंजन फुकन (असमिया), गौतम दैमारी (बोडो), महेश बेलारी (कन्नड), श्रवण कुमार (मैथिली), आशा उपाध्याय बराल (नेपाली), प्रियव्रत मिश्र (संस्कृत), नृपेन चंद्र मरांडी (संताली), तागुल्ला गोपाल (तेलुगु) और फराजाना परवीन (उर्दू) ने अपनी कविताओं का पाठ हिंदी एवं अंग्रेजी अनुवाद के साथ प्रस्तुत किया। अंत में अकादेमी के कार्यक्रम अधिकारी मिहिर कुमार साहु ने औपचारिक धन्यवाद ज्ञापन किया।

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