इंजीनियरिंग और प्रौद्योगिकी में 17 शिक्षकों को विश्वेश्वरैया सर्वश्रेष्ठ शिक्षक पुरस्कार

दिल्ली। केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने इंजीनियरिंग और प्रौद्योगिकी में 17 संकाय सदस्यों को एआईसीटीई-विश्वेश्वरैया सर्वश्रेष्ठ शिक्षक पुरस्कार से सम्मानित किया। 3 संकाय सदस्यों को एआईसीटीई प्रबंधन शिक्षा में डॉ. प्रीतम सिंह सर्वश्रेष्ठ शिक्षक पुरस्कार दिया गया। उन्होंने विश्वकर्मा अवार्ड क्लीन एंड स्मार्ट कैंपस अवार्ड भी प्रदान किए। केंद्रीय मंत्री ने कहा, “जब हम आजादी के 75 साल पूरे कर रहे हैं, तो नागरिकों के पास आखिरकार भारत को आकार देने की इच्छाशक्ति है। उन्होंने कहा कि नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति से भारत में शैक्षिणक क्षेत्र में क्रांतिकारी बदलाव आने और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के विजन 2047 के अनुसार अगले 25 वर्षों के लिए मार्ग प्रशस्त करने की उम्मीद है।”

उन्होंने जोर देकर कहा कि हम में से प्रत्येक को अधिक जिम्मेदार बनाना होगा और वैश्विक नागरिक बनना होगा। मंत्री ने इन पुरस्कारों की स्थापना के लिए एआईसीटीई को बधाई दी। उन्होंने कहा कि इन पुरस्कारों ने शिक्षकों के प्रयासों को मान्यता देने के अलावा नवाचार की चिंगारी भी लाई है।

प्रधान ने कहा कि एआईसीटीई विश्वेश्वरैया पुरस्कारों का उद्देश्य मेधावी संकायों को सम्मानित करना और उन्हें वैश्विक स्तर पर उच्च शिक्षा की लगातार बदलती जरूरतों के लिए खुद को अपडेट करने के लिए प्रोत्साहित करना है। इस तरह ज्ञान समाज में एक प्रभावी योगदानकर्ता बनना है।

उन्होंने कहा कि डॉ. प्रीतम सिंह सर्वश्रेष्ठ शिक्षक पुरस्कार इसी वर्ष शुरू किया गया था और प्रबंधन शिक्षा में शिक्षण उत्कृष्टता और संस्थागत नेतृत्व का प्रदर्शन करने के लिए संकाय सदस्यों को प्रदान किया जाता है।

प्रधान ने इस बात पर प्रकाश डाला कि छात्र विश्वकर्मा पुरस्कार हमारे छात्रों को सामाजिक चुनौतियों को देखने के लिए एक मंच प्रदान करता है, जिसका उद्देश्य नवीन और कम लागत वाले समाधान प्रदान करना है। इस वर्ष फिर से, परिषद ने ‘भारत की आर्थिक रिकवरी पोस्ट कोविड’ ‘आत्मनिर्भर भारत’ का समर्थन करने के लिए रिवर्स माइग्रेशन और पुनर्वास योजना के विषय के साथ छात्र विश्वकर्मा पुरस्कार 2020 की घोषणा की।

केंद्रीय मंत्री ने बताया कि छात्रों की 24 टीमों ने बहुत उपयोगी और रचनात्मक विकास किया। उन्होंने कहा कि विभिन्न सामाजिक-आर्थिक मुद्दों के समाधान प्रदान किए गए हैं। इन छात्रों का उत्साह, उत्साह, नवीनता और कड़ी मेहनत भारत को निकट भविष्य में नवीन विचारों को उत्पन्न करने का केंद्रबिंदु बनाएगी।

मंत्री ने सभी पुरस्कार विजेताओं के साथ बातचीत की और समाज में उनके योगदान की सराहना की। छात्रों की प्रदर्शित परियोजनाओं का दौरा करते हुए, उन्होंने छात्र विश्वकर्मा पुरस्कार की टीमों की नवीनता और प्रयासों की प्रशंसा की और भारत के उज्‍जवल भविष्य में विश्वास व्यक्त किया।

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