कोलकाता। विश्व हिंदू परिषद (विहिप) ने रामनवमी मनाने के लिए 10 अप्रैल को पश्चिम बंगाल में 1,000 से अधिक रैलियां निकालने की विस्तृत योजना बनाई है। विहिप (VHP) की राज्य इकाई के मीडिया प्रभारी सौरीश मुखर्जी ने कहा कि इन रैली का उद्देश्य हिंदू समुदाय को एकजुट करना है। उन्होंने कहा, ‘‘पिछले दो वर्षों से, राज्य में रामनवमी समारोह कोविड-19 महामारी के कारण धूमधाम से नहीं मनाया गया। हमने कोई रैली नहीं की। हमने इस साल इसे बड़े पैमाने पर मनाने का फैसला किया है। हमने फैसला किया है कि राज्य भर में करीब 1,000 रैलियां निकाली जाएंगी।
ऐसा बंगाल में हिंदुओं का मनोबल बढ़ाने के लिए बेहद महत्वपूर्ण माना जा रहा है। वहीं बंगाल में निरंतर हो रही हिंसा को देखते हुए भी इन शोभायात्राओं को सकुशल संपन्न कराना एक बड़ी चुनौती है। बहरहाल, सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस ने रामनवमी रैलियों के आयोजन के विहिप के प्रस्ताव पर नाराजगी जताई और दावा किया कि उनका उद्देश्य ‘‘धर्म को राजनीति के साथ मिलाना’’ है। तृणमूल कांग्रेस के प्रवक्ता सुखेंदु शेखर राय ने कहा, ‘‘विहिप जो कर रही है, वह नया काम नहीं है। राम नवमी रैलियां पश्चिम बंगाल में पहले भी आयोजित की गई हैं।
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार विहिप के बंगाल मंडल के वरिष्ठ प्रवक्ता सौरीश मुखर्जी ने कहा है कि वे रामनवमी को भव्य तरीके से नहीं मना सकते थे, क्योंकि अयोध्या में राम मंदिर का निर्माण कोरोना महामाई के दौरान शुरू हुआ था, इसलिए उन्होंने 2022 में रामनवमी को पूरे बंगाल में भव्यतम तरीके से मनाए जाने की योजना तैयार की है. सौरीख मुखर्जी ने कहा है कि कुल मिलाकर, हमारी पश्चिम बंगाल में 1,000 से ज्यादा शोभा यात्राएं निकालने की योजना है।
कोलकाता में भी रामनवमी पर 20 रैलियां निकाली जाएंगी। पश्चिम बंगाल में ममता बनर्जी सरकार के रोड़े अटकाने के कारण कहा जा रहा है कि वीएचपी के लोग बंगाल पुलिस की इजाजत नहीं मांगेंगे, बल्कि स्थानीय प्रशासन और पुलिस थानों को शोभायात्रा की सूचित किया जाएगा।