कोलकाता। पश्चिम बंगाल की प्रतिष्ठित विश्व-भारती यूनिवर्सिटी ने बीते मंगलवार को जाने-माने अर्थशास्त्री और नोबेल पुरस्कार विजेता अमर्त्य सेन पर यूनिवर्सिटी की ज़मीन पर अवैध कब्जा रखने का आरोप लगाया है। इस पत्र में सेन से कहा गया है कि वे जल्द से जल्द यूनिवर्सिटी परिसर की जमीन लौटा दें। टेलीग्राफ में प्रकाशित ख़बर के मुताबिक, ये विवाद साल 2020 से जारी है।
लेकिन इस पत्र को सेन की ओर से मोदी सरकार की ताजा आलोचना के दस दिन बाद भेजा गया है। सेन ने हाल ही में एक इंटरव्यू के दौरान कहा है कि वह अपने इस आकलन पर टिके हैं कि मौजूदा भारत सरकार दुनिया में सबसे ज़्यादा खराब सरकारों में से एक है। विश्व भारती एक केंद्रीय विश्वविद्यालय है।
जिसके चांसलर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी हैं और यूनिवर्सिटी के उप-कुलपति पर लगातार रविंद्रनाथ टैगोर स्थापित यूनिवर्सिटी के भगवाकरण के आरोप लगते रहे हैं। सेन ने ये पत्र मिलने की पुष्टि करते हुए कहा, ‘हां, उन्होंने मुझे पत्र भेजा है। इसमें कई गलत बयान हैं। इस पर कोई जवाब देने से पहले मैं देखूंगा कि उन्होंने इस तरह की बात किस आधार पर की है।