कोलकाता। पश्चिम बंगाल में चुनाव के दौरान हिंसा का लंबा इतिहास रहा है। अब जब राज्य में इस साल पंचायत चुनाव होने हैं तो उसका असर अभी से ही दिखना शुरू हो गया है और छिटपुट हिंसा की घटनाएं शुरू हो गई हैं। बता दें कि गुरुवार को पश्चिम बंगाल के पूर्व बर्धमान जिले के केतुग्राम इलाके में एक टीएमसी नेता की गोली मारकर हत्या कर दी गई। खबर के अनुसार, बाइक पर सवार दो हमलावरों ने टीएमसी नेता दुलाल शेख (50 शेख) की उस वक्त गोली मारकर हत्या कर दी, जब वह अमगरिया बाजार इलाके में दुकान पर बैठकर चाय पी रहे थे।
गोली लगने के बाद दुलाल शेख को तुरंत अस्पताल ले जाया गया लेकिन डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया। शेख के बेटे ने बताया कि उसके पिता को टीएमसी के ही विरोधी गुट द्वारा धमकी दी जा रही थी। मृतक दुलाल शेख रेत और बिल्डिंग मैटेरियल की सप्लाई के व्यापार से जुड़े थे। टीएमसी नेता की हत्या पर पार्टी के प्रदेश उपाध्यक्ष जॉय प्रकाश मजूमदार ने कहा कि आगामी पंचायत चुनाव के चलते भाजपा और सीपीआई(एम) टीएमसी के प्रभावशाली नेताओं की हत्या की साजिश रच रही हैं। इसकी जांच की जाएगी की दुलाल शेख भी ऐसी किसी साजिश का शिकार तो नहीं हुए।
वहीं इस घटना पर भाजपा प्रवक्ता सामिक भट्टाचार्य ने कहा कि टीएमसी के गुट ही एक दूसरे के खिलाफ हमले कर रहे हैं। ये पश्चिम बंगाल को जंग का मैदान बनाना चाहते हैं। सीपीआई (एम) की केंद्रीय कमेटी के सदस्य सुजन चक्रवर्ती ने प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि टीएमसी कार्यकर्ता और नेता अब रेत खनन, कालाबाजारी के मुद्दों पर लड़ रहे हैं। चुनाव नजदीक आते ही ऐसी घटनाएं और बढ़ेंगी।