दक्षिण 24 परगना। पश्चिम बंगाल कॉलेज सर्विस कमीशन ने राज्य स्तरीय पात्रता परीक्षा या सेट परीक्षा के लिए जोर-शोर से तैयारी शुरू कर दी थी। आयोग की ओर से जिलाधिकारियों को परीक्षा सही ढंग से कराने के लिए पत्र भेजा गया था। आयोग के स्पष्ट निर्देश के मुताबिक परीक्षा शुरू होने के बाद किसी को भी हॉल में प्रवेश नहीं करने दिया जाएगा। रविवार सुबह से ही जिले में परीक्षार्थियों की भीड़ नजर आने लगी थी। तभी पता चला कि वेसल कर्मियों की हड़ताल के कारण दक्षिण 24 परगना के कचुबेरिया में कई परीक्षार्थी फंसे हुए हैं।
सूत्रों के मुताबिक अटके कुछ अभ्यर्थियों को जादवपुर, डायमंड हार्बर सहित विभिन्न कॉलेजों में सीट मिली है। परीक्षार्थियों को परीक्षा कक्ष में सुबह नौ बजे तक प्रवेश करने का निर्देश दिया गया है। हालांकि, कई लोग यह सोचकर बीच रास्ते में फंस गए हैं कि वे परीक्षा केंद्र तक कैसे जाएंगे।
रविवार सुबह साढ़े पांच बजे से पोत सेवा शुरू होनी थी। कई परीक्षार्थी परीक्षा केंद्र जाने के लिए सुबह वेसल घाट पहुंचे लेकिन, उन्हें विरोध की जानकारी नहीं थी। वेतन वृद्धि सहित कई मांगों को लेकर हड़ताल पर जा रहे वेसल के अस्थायी कर्मचारियों को देखने पहुंचे। काम में कोई शामिल नहीं हुआ। यदि आप भूतभूति को पार करना चाहें तो भी यह संभव नहीं है। परीक्षार्थियों को जमकर प्रताड़ित किया गया।
उसके बाद कई अभ्यर्थियों ने मदद के लिए प्रशासन के अधिकारियों को फोन किया। अंत में करीब सात बजे कचुबेरिया से जहाज चल पड़ा। लेकिन ज्यादातर उम्मीदवार इस बात को लेकर चिंतित थे कि वे निर्धारित समय पर परीक्षा हॉल में पहुंच पाएंगे या नहीं। एसईटी के उम्मीदवार नूर मोहम्मद ने कहा, ‘मुझे डायमंड हार्बर में सीट मिली थी। परीक्षा केंद्र पर 9 बजे तक पहुंचने का निर्देश है। मैं करीब साढ़े चार बजे से साढ़े पांच बजे के जहाज को पकड़ने के लिए यहां खड़ा था। पिछले दिन तक मैंने सुना था कि जहाज साढ़े पांच बजे रवाना होगा।
हममें से कई लोग ऐसे ही आते हैं। लाख मिन्नतों के बावजूद जहाज नहीं गया। मुझे समझ नहीं आ रहा था कि परीक्षा केंद्र पर समय से कैसे पहुंचूं। हमें आखिरकार पुलिस-प्रशासन को सूचित करने के लिए मजबूर होना पड़ा।” उधर भूतल परिवाहन निगम के अधिकारी पीड़ित कर्मियों के साथ बैठक करने वाले हैं। सुंदरबन विकास मंत्री बंकिम हाजरा होंगे। संयोग से, गंगा सागर मेले के लिए सभी सेवाएं रविवार से आधिकारिक तौर पर शुरू होने वाली हैं। प्रतिदिन हजारों की संख्या में श्रद्धालु आ रहे हैं। इनमें वेसल कर्मियों की इस हड़ताल से जिला प्रशासन को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है।