नयी दिल्ली : करीब 17 वर्षों तक कांग्रेस का हिस्सा बने रहने के बाद भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) में शामिल हुए मध्य प्रदेश के प्रभावशाली नेता ज्योतिरादित्य सिंधिया ने रविवार को कहा कि उन्हें यह देखकर बहुत दुख है कि उनके पूर्व सहयागी सचिन पायलट को पार्टी में दरकिनार किया जा रहा है। सिंधिया ने अपने कहा, ‘‘ मुझे यह देखकर बहुत दुख है कि मेरे पूर्व सहयोगी सचिन पायलट को राजस्थान के मुख्यमंत्री द्वारा पार्टी में दरकिनार किये जाने के साथ ही उन्हें तंग भी किया जा रहा है।
इससे ऐसा लगता है कि कांग्रेस में प्रतिभा और क्षमता की बहुत कम विश्वसनीयता है।’ सिंधिया गत मार्च में कांग्रेस छोड़कर भाजपा में शामिल हुए थे। उनके साथ ही मध्य प्रदेश के 21 विधायकों ने भी पार्टी और अपने पदों से इस्तीफा दे दिया था। बदले राजनीतिक घटनाक्रम के बाद राज्य की 15 महीने पुरानी कमलनाथ नीत सरकार गिर गयी और सत्ता पर भाजपा का फिर से कब्जा हो गया।
इस बीच राजस्थान की कांग्रेस सरकार के समक्ष उस समय संकट की स्थिति नजर आने लगी, जब पार्टी नेता एवं उप मुख्यमंत्री सचिन पायलट राज्य सरकार को अस्थिर करने के आरोपों को लेकर विशेष अभियान समूह की ओर से उन्हें पूछताछ के लिए समन जारी किये जाने के परिप्रेक्ष्य में कांग्रेस हाईकमान से मिलने से दिल्ली पहुंचे।
माना जा रहा है कि पायलट ने राज्य सरकार को अस्थिर करने के आरोपों को लेकर विशेष अभियान समूह की ओर से उन्हें पूछताछ के लिए समन जारी किये जाने के मामले को लेकर नाराजगी जतायी है और कांग्रेस हाईकमान के समक्ष इस मसले को उठाने के लिए अपने कुछ समर्थक विधायकों के साथ दिल्ली पहुंचे हैं। सूत्रों के मुताबिक पायलट को समन जारी किये जाने से उनके समर्थकों में आक्रोश है। दूसरी तरफ राजनीतिक गलियारों में अटकलें हैं कि पायलट सोमवार को भाजपा में शामिल हो सकते हैं।