तीर्थ गोस्वामी महाराज की 100वीं जयंती के अवसर पर “वैष्णव समागम”

कोलकाता। निखिल भारत श्रीचैतन्य गौड़ीय मठ के संस्थापक और आचार्य, नित्यलीला प्रविष्ट त्रिदंडीस्वामी श्रीमद्भक्ति दयित माधव गोस्वामी महाराज के प्रिय शिष्य, त्रिदंडीस्वामी श्रीमद्भक्ति बल्लभ तीर्थ गोस्वामी महाराज, संस्थान के पूर्व अध्यक्ष और आचार्य तथा विश्ववैष्णव राज सभा के पूर्व अध्यक्ष थे।

वह ग्लोबल ऑर्गनाइजेशन ऑफ कृष्णा चैतन्य यूनिवर्सल लव (गोकुक) के संस्थापक भी थे।

उनकी दिव्य जन्मशताब्दी समारोह-2024, हावड़ा जिले के उलुबेरिया शहर के करातबेड़िया गांव के यूनाइटेड भाटर मैदान में दो दिनों तक आयोजित हुआ। इस समारोह में वृंदावन, पुरी, मायापुर और भारत के विभिन्न हिस्सों से 2 लाख से अधिक भक्त, 1,300 संन्यासी और 55 आचार्य उपस्थित थे।

"Vaishnav Samagam" on the occasion of the 100th birth anniversary of Tirtha Goswami Maharaj

त्रिदंडीस्वामी श्रीमद्भक्ति बल्लभ तीर्थ गोस्वामी महाराज का जन्म 14 अप्रैल 1924 को असम के गोलपाड़ा जिले में माता श्रीमती सुधांशु बाला देवी और पिता श्री धीरेंद्र कुमार गुहा रॉय के घर हुआ। बाल्यकाल से ही वे भगवान की आराधना में विशेष रुचि रखते थे।

1947 में कलकत्ता विश्वविद्यालय से दर्शनशास्त्र में स्नातकोत्तर करने के बाद, उन्होंने अपने गुरुदेव श्रील भक्ति दयित माधव गोस्वामी महाराज के चरणों में स्वयं को समर्पित कर दिया। तभी से वे गुरु, वैष्णव और भगवान की सेवा में निरंतर लगे रहे।

23 अक्टूबर 1961 को, अपने गुरुदेव से त्रिदंडी संन्यास प्राप्त कर, वे त्रिदंडीस्वामी श्रीमद्भक्ति बल्लभ तीर्थ गोस्वामी महाराज के नाम से अलंकृत हुए। 1979 में अपने गुरुदेव के प्रकट न रहने पर, वे संस्थान के आचार्य पद पर आसीन हुए और 38 वर्षों तक भारत और विदेशों में भ्रमण कर श्रीमन्महाप्रभु के संदेश का प्रचार-प्रसार किया।

"Vaishnav Samagam" on the occasion of the 100th birth anniversary of Tirtha Goswami Maharaj

उन्होंने निष्ठा और लगन के साथ मानव कल्याण के लिए सेवा की।

दो दिवसीय जन्मशताब्दी समारोह रविवार को करातबेड़िया गांव में भुवनमंगल श्री हरिनाम संकीर्तन के साथ प्रारंभ हुआ। भक्तिभाव से ओतप्रोत इस कार्यक्रम में संन्यासी और आचार्यों के साथ हरिनाम संकीर्तन किया गया।

सुबह 10 बजे, महाराज के मंदिर में महाभिषेक, पूजा और मंगला आरती संपन्न हुई। दिनभर के इस भक्तिपूर्ण कार्यक्रम में सभी जाति, धर्म और समुदाय के लोगों ने दिव्य आनंद और दुर्लभ सुख का अनुभव किया।

शनिवार को, करातबेड़िया गांव में एक भव्य शोभायात्रा निकाली गई। महाराज की मूर्ति को एक सुंदर सजे हुए रथ पर विराजमान किया गया और हजारों भक्तों द्वारा हरिनाम संकीर्तन के साथ रथ खींचा गया। वृंदावन, पुरी और मायापुर से आए संन्यासी और आचार्यों ने इस शोभायात्रा में भाग लिया।

पूरा कार्यक्रम निखिल भारत श्रीचैतन्य गौड़ीय मठ के वर्तमान मठाध्यक्ष और आचार्य, पूज्यपाद त्रिदंडीस्वामी श्रीमद्भक्ति विचार विष्णु गोस्वामी महाराज के निर्देश में, और श्रीधाम मायापुर स्थित मुख्य श्रीचैतन्य गौड़ीय मठ के मठरक्षक त्रिदंडीस्वामी श्रीमद्भक्ति वैभव नारायण महाराज की देखरेख में सफलतापूर्वक संपन्न हुआ।

"Vaishnav Samagam" on the occasion of the 100th birth anniversary of Tirtha Goswami Maharaj

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