वाशिंगटन। अफगानिस्तान में महिलाओं के लिए स्कूल, विश्वविद्यालयों में पढ़ने और एनजीओ में काम करने पर रोक लगाने को लेकर संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद ने गहरी चिंता ज़ाहिर की है। सुरक्षा परिषद ने एक बयान जारी कर अफग़ानिस्तान में महिलाओं और लड़कियों के लिए समान और पूरे अधिकारों की अपील की है। साथ ही कहा है कि तालिबान सरकार स्कूल फिर से खोले और अपनी उन नीतियों में बदलाव करे जो मानवाधिकारों और बुनियादी स्वतंत्रता का उल्लंघन करती हैं।
हाल ही में अफग़ानिस्तान की तालिबान सरकार ने लड़कियों के विश्वविद्यालय जाने पर प्रतिबंध लगा दिया था। इससे पहले लड़कियों के छठी कक्षा के बाद स्कूल में पढ़ने पर पाबंदी लगाई गई थी। वहीं, लड़कियों और महिलाओं के गैर सरकारी संगठनों (एनजीओ) में काम करने पर भी रोक लगा दी गई है। इस पर सुरक्षा परिषद ने कहा, ”महिलाओं के एनजीओ और अंतरराष्ट्रीय संस्थाओं में काम ना करने से देश में मानवीय मदद के लिए चल रहे अभियान प्रभावित होंगे।
इनमें संयुक्त राष्ट्र के चलाए जा रहे अभियान भी शामिल हैं। ये प्रतिबंध अंतरराष्ट्रीय समुदाय की उम्मीदों और उन प्रतिबद्धताओं से अलग हैं जो तालिबान ने अफ़ग़ानिस्तान के लोगों से की थी। वहीं, सुरक्षा परिषद के सदस्यों ने महासचिव के विशेष प्रतिनिधि और अफग़ानिस्तान में संयुक्त राष्ट्र सहायता मिशन (यूएनएएमए) को अपना पूर्ण समर्थन फिर से दोहराया।
साथ ही उनके काम के महत्व पर जोर दिया जिसमें अफग़ानिस्तान में स्थिति की निगरानी, जानकारी देना और इन मसलों पर सभी संबंधित राजनीतिक पक्षों और हितधारकों से बातचीत करना शामिल है। भारत इस साल दिसंबर में सुंयक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की अध्यक्षता रहा है। संयुक्त राष्ट्र में भारत की मौजूदा स्थायी प्रतिनिधि रुचिरा कंबोज ने ये बयान जारी किया है।