कोलकाता। देश के ऐतिहासिक शैक्षणिक संस्थानों में से एक ‘कलकत्ता विश्वविद्यालय’ के हिन्दी विभाग के ‘हिंदी साहित्य सभा’ के तत्वावधान में दिनांक 29 मार्च, बुधवार को एक संवाद कार्यक्रम का आयोजन किया गया। कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में आधुनिक साहित्य जगत के अत्यंत प्रतिष्ठित रचनाकार, सुप्रसिद्ध कवि एवं आलोचक तथा ‘इंदिरा गांधी राष्ट्रीय मुक्त विश्वविद्यालय’ के हिंदी विभाग के आचार्य ‘जितेन्द्र श्रीवास्तव’ जी उपस्थित थे। कार्यक्रम की शुरुआत विभागाध्यक्ष डॉ. रामप्रवेश रजक जी ने स्वागत वक्तव्य द्वारा किया।
तत्पश्चात ‘प्रक्रिया’ भित्ति पत्रिका के संपादक-तान्या चतुर्वेदी, वाद विवाद समिति के अध्यक्ष रोहित साव और हिंदी साहित्य सभा के अध्यक्ष रोहित मेहता ने क्रमशः गुलदस्ता, उपहार एवं शॉल देकर उनका स्वागत किया। कार्यक्रम में उपस्थित शोधार्थियों एवं द्वितीय एवं चतुर्थ सत्र के विद्यार्थियों के साथ उपस्थित प्रसिद्ध समकालीन कवि की लम्बी बातचीत हुई। जिसमें उनकी बहुचर्चित कविताओं, उपनिवेशवाद, भूमंडलीकरण, बाजारवाद, प्रेमचंद के साहित्य तथा उनके नारी विषयक दृष्टिकोण आदि विषयों पर गहरी बातचीत हुई।
प्रश्नकर्त्ताओं में मुख्य रूप से परमजीत कुमार पण्डित, दीक्षा गुप्ता, वन्दना सिंह, रोहित मेहता, रोहित साव और तान्या चतुर्वेदी आदि शोधार्थी एवं विद्यार्थी थे। कार्यक्रम की समाप्ति हिन्दी विभाग की पुरानी पत्रिका ‘प्रक्रिया भित्ति’ के पुनः प्रकाशन एवं उद्घाटन के साथ हुआ। अंत में विभागाध्यक्ष डॉ. राम प्रवेश रजक जी ने धन्यवाद ज्ञापन किया।
कार्यक्रम में हिन्दी विभाग के द्वितीय और चतुर्थ सत्र के छात्र-छात्राएँ भारी संख्या में उपस्थित थे। कार्यक्रम के प्रबंधन में चतुर्थ सत्र से राहुल ताँती, आकांक्षा शुक्ला एवं द्वितीय सत्र से सपना, चंदन, और प्रभाकर आदि ने अपना पूर्ण सहयोग दिया। इन सुनहरे पलों को फोटोग्राफी द्वारा सहेजने का कार्य चतुर्थ सत्र के विधार्थी मनीष कुमार दास और संजय साव ने किया।