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मुंबई। चुनाव आयोग ने शिवसेना के धनुष-तीर वाले चुनाव चिह्न पर अंतरिम रोक लगा दी है। अंधेरी में होने वाले उपचुनावों में शिवसेना के दोनों धड़ों को ये चुनाव चिन्ह इस्तेमाल करने से रोका गया है। हालांकि इस फ़ैसले के कई घंटों पहले उद्धव ठाकरे की अगुवाई वाले शिवसेना गुट ने चुनाव आयोग को एक पत्र लिखकर दावा किया था कि उनके पास ‘‘पार्टी में संगठन स्तर पर और विधायकों के मामले में भी बहुमत है। इसके अलावा पार्टी काडर में भी बहुमत हासिल है।
उन्होंने पत्र लिखकर आयोग से अपील की थी कि वो यथास्थिति बनाए रखे और जल्दबाज़ी में कोई फ़ैसला न ले। साथ ही यह दावा भी किया था कि आने वाले उपचुनाव में एकनाथ शिंदे गुट कोई उम्मीदवार नहीं उतार रहा। ठाकरे ने अपनी चिट्ठी में दावा भी किया कि एकनाथ शिंदे गुट ‘बीजेपी की कठपुतली है। चुनाव आयोग ने उद्धव ठाकरे से शनिवार तक जवाब तलब किया था। चुनाव आयोग में शिंदे गुट ने उपचुनाव में शिवसेना के चुनाव चिन्ह पर दावा किया था।
उद्धव ठाकरे ने एकनाथ शिंदे के 40 विधायकों के समर्थन वाले दावे पर कहा कि ‘‘याचिकाकर्ता का कथित समर्थन करने वाले 40 विधायकों को अयोग्य ठहराया गया है और उनकी अयोग्यता को लेकर याचिकाएं लंबित हैं। ठाकरे ने 12 विधायकों के समर्थन वाला चार्ट भी पेश किया। इसमें दावा किया गया कि शिंदे का समर्थन करने वाले 7 सांसदों और 12 विधायकों को अयोग्य करार दिया गया है। उन्होंने बताया कि उनके पास तीन राज्यसभा सांसदों का भी समर्थन है, जो शिंदे के पास नहीं है।
उद्धव ठाकरे ने चिट्ठी में दावा किया कि राष्ट्रीय कार्यकारिणी के 234 सदस्यों में से 160 उनके साथ हैं। इसके अलावा 29 राज्यों के पार्टी प्रमुखों में से 18 का समर्थन ठाकरे के पास है। यह दावा भी किया गया कि पार्टी के 12 लाख प्राथमिक सदस्यों में से 10 लाख से अधिक सदस्य ठाकरे के समर्थन में हैं और 1.66 लाख सदस्य शिंदे का समर्थन कर रहे हैं।
ठाकरे ने चुनाव आयोग को बताया, ‘‘आप चार्ट से समझ सकते हैं कि ये सबूत दिखाता है प्रतिवादी के पास संगठन और विधायिका दोनों में स्पष्ट बहुमत है।ठाकरे ने चुनाव आयोग से चार हफ़्ते का समय मांगा है ताकि वो पार्टी के प्राथमिक सदस्यों के हलफनामे और 2.5 लाख सदस्यता फार्म उपलब्ध करा पाएं।