वाशिंगटन : कोरोना वायरस संकट पर गैर जिम्मेदार तरीके से काम करने का आरोप लगाते हुए अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने विश्व स्वास्थ्य संगठन को दी जाने वाली आर्थिक सहायता पर रोक लगाने का ऐलान किया। ट्रंप ने कहा कि जब तक घातक कोरोना वायरस के प्रसार को कम करने को लेकर ‘‘प्रबंधन में गंभीर गलती करने और जानकारी को छुपाने में’ डब्ल्यूएचओ की भूमिका की समीक्षा नहीं हो जाती, तब तक यह रोक जारी रहेगी।
जॉन्स हॉपकिन्स यूनिवर्सिटी के अनुसार, कोरोना वायरस से अब तक अमेरिका में 25,000 से अधिक, जबकि विश्वभर में कम से कम 1,19,000 लोगों की मौत हो चुकी है। कोरोना वायरस का पहला मामला पिछले साल नवंबर में चीन के वुहान शहर में सामने आया था।
महामारी को लेकर व्हाइट हाउस में अपने दैनिक संवाददाता सम्मेलन में ट्रंप ने पत्रकारों से कहा कि जब तक कोरोना वायरस के प्रसार को रोकने व इससे निपटने में गंभीर कुप्रबंधन और इसे छुपाने में संस्था की भूमिका का आकलन करने के लिए समीक्षा की जा रही है तब तक आज मैं अपने प्रशासन को विश्व स्वास्थ्य संगठन के वित्त पोषण को रोकने का निर्देश दे रहा हूं । हर कोई जानता है कि वहां क्या हुआ है।
ट्रंप प्रशासन ने डब्ल्यूएचओ पर चीन की तरफदारी करने का आरोप लगाया है जिसकी वजह से अमेरिका की अर्थव्यवस्था में ठहराव आ गया है। राष्ट्रपति ने कहा कि अमेरिका के करदाता डब्ल्यूएचओ को सालाना 40 से 50 करोड़ डॉलर देते हैं जबकि चीन सालाना तकरीबन 4 करोड़ डॉलर या उससे भी कम राशि देता है।
ट्रंप का कहना है कि कोरोना के प्रकोप में अपना कर्तव्य निभाने में डब्ल्यूएचओ पूरी तरह नाकाम हुआ है। उन्होंने आरोप लगाया कि चीन में जब यह वायरस फैला तो संयुक्त राष्ट्र की संस्था ने उसे छुपाने की कोशिश की और इसके लिए उसे जवाबदेह ठहराया जाना चाहिए।