आसनसोल। सीमा पार मवेशी तस्करी मामले में गिरफ्तार पश्चिम बंगाल में सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस के नेता अनुव्रत मंडल की न्यायिक हिरासत बुधवार को आसनसोल की विशेष सीबीआई अदालत ने 14 दिनों के लिए और बढ़ा दी। विशेष न्यायाधीश राजेश चक्रवर्ती ने मंडल के वकील की जमानत याचिका खारिज कर दी और आदेश दिया कि उन्हें 21 सितंबर तक न्यायिक हिरासत में रखा जाए। इससे पहले मंडल के वकील ने नेता की ‘खराब’ स्वास्थ्य स्थिति का हवाला देते हुए जमानत की गुहार लगाई थी।
सीबीआई के वकीलों ने ‘विवादास्पद नेता’ को जमानत देने का विरोध करते हुए एक जवाबी याचिका दायर की, जिसमें तर्क दिया गया कि वह ‘बहुत शक्तिशाली और प्रभावशाली’ और पशु तस्करी मामले में एक प्रमुख संदिग्ध है। सुनवाई के दौरान मंडल भी कोर्ट में मौजूद थे। तृणमूल कांग्रेस के बीरभूम जिला अध्यक्ष मंडल को 11 अगस्त को सीबीआई ने अंतरराष्ट्रीय सीमा से बांग्लादेश में मवेशियों की कथित तस्करी के सिलसिले में गिरफ्तार किया था।
वह पिछले दो सप्ताह से आसनसोल सुधार गृह में बंद है। सीबीआई ने सप्ताह के दौरान मंडल के एकाउंटेंट मनीष कोठारी से उनकी बेटी सुकन्या के बैंक विवरण के बारे में भी पूछताछ की। सूरी और बोलपुर में कई सरकारी बैंकों के अधिकारियों को सोमवार को निजाम पैलेस स्थित सीबीआई कार्यालय में तलब किया गया था। सूत्रों के मुताबिक मंडल के एकाउंटेंट से पूछताछ के बाद कई संपत्तियां मिलने के बाद तृणमूल नेता के करीबी के बैंक खाते के ब्योरे की जांच की गई।
कोलकाता की एक रिपोर्ट में कहा गया है कि टीएमसी के बीजपुर विधायक सुबोध अधिकारी, जिन्हें सीबीआई ने बुधवार को अपने कार्यालय में तलब किया था, ने लगातार दूसरे दिन समन को नजरअंदाज कर दिया। सीबीआई ने कथित पोंजी घोटाले में हलीशहर नगर पालिका के अध्यक्ष राजू साहनी की गिरफ्तारी के बमुश्किल दो दिन बाद रविवार को उत्तर 24 परगना जिले में कई स्थानों पर अधिकारी के घरों की तलाशी ली थी। अधिकारी के वकीलों ने सीबीआई से अनुरोध किया था कि उनके मुवक्किल को पेश होने के लिए दो सप्ताह का समय चाहिए। सीबीआई ने हालांकि बुधवार को अधिकारी को तलब किया, लेकिन वह नहीं आए।