कोलकाता। तृणमूल कांग्रेस पश्चिम बंगाल विधानसभा सत्र के दौरान राष्ट्रीय पात्रता सह प्रवेश परीक्षा (नीट) में कथित अनियमितताओं और नए आपराधिक कानूनों को लागू करने में ‘‘जल्दबाजी’’ पर अलग-अलग प्रस्ताव ला सकती है। पार्टी के एक नेता ने यह जानकारी दी। पश्चिम बंगाल विधानसभा सत्र 22 जुलाई से शुरू होने जा रहा है।
पश्चिम बंगाल के संसदीय कार्य मंत्री सोभनदेव चट्टोपाध्याय के अनुसार विधानसभा सत्र दस दिनों तक चलेगा। तृणमूल के वरिष्ठ विधायक ने कहा, ‘‘अब तक संभावना के अनुसार दो प्रस्ताव- नीट में अनियमितता पर और दूसरा तीन नए आपराधिक कानूनों को लागू करने में जल्दबादी पर, पेश किए जाएंगे।’’
हालांकि, मंत्री ने सत्र के दौरान पेश किए जाने वाले विधेयकों या प्रस्तावों पर कुछ भी बोलने से इनकार कर दिया। मंत्री ने ‘पीटीआई-भाषा’ से कहा, ‘‘विधानसभा अध्यक्ष ने कहा है कि 22 जुलाई से शुरू होने वाला सत्र दस दिन का रहेगा। उसके बाद कार्य मंत्रणा (बीए) समिति और सर्वदलीय बैठक में तय किया जाएगा कि सत्र आगे बढ़ाया जाए या नहीं।’’
देश में एक जुलाई से तीन नए आपराधिक कानून- भारतीय न्याय संहिता (बीएनएस), भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता (बीएनएसएस) और भारतीय साक्ष्य अधिनियम (बीएसए), लागू हो चुके हैं। इन तीनों कानून ने ब्रिटिशकालीन कानूनों-भारतीय दंड संहिता (आईपीसी), दंड प्रक्रिया संहिता (सीआरपीसी) और भारतीय साक्ष्य अधिनियम, की जगह ली है।
भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) राज्य में चुनाव के बाद हुई हिंसा और भीड़ द्वारा हमले की कथित घटनाओं पर चर्चा की मांग करते हुए एक प्रस्ताव लाने पर भी विचार कर रही है। भाजपा विधायक अग्निमित्रा पॉल ने कहा, ‘‘हम राज्य में चुनाव बाद हिंसा और भीड़ द्वारा हमलों की घटनाओं पर विधानसभा में चर्चा चाहते हैं।’’
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