कोलकाता। पश्चिम बंगाल की सत्तारूढ़ पार्टी तृणमूल कॉन्ग्रेस (TMC) कोलकाता रेप और मर्डर मामले के बाद और घिरी हुई है। इस बीच TMC ने कुछ टीवी चैनल पर अपने प्रवक्ता ना भेजने का ऐलान किया है। TMC ने ABP आनंदा, रिपब्लिक और TV9 जैसे चैनलों पर अपने प्रवक्ता ना भेजने का ऐलान किया है। TMC ने कहा है कि यह सारे टीवी चैनल बांग्ला विरोधी है और दिल्ली के जमींदारों का प्रोपेगेंडा चलाते हैं। इसको लेकर TMC ने सोशल मीडिया पर एक प्रेस रिलीज जारी की है।
TMC ने कहा, “AITC ने ABP आनंद, रिपब्लिक और टीवी9 जैसे मीडिया चैनलों पर अपने प्रवक्ताओं को ना भेजने का फैसला किया है, क्योंकि वे लगातार बंगाल विरोधी एजेंडे चला रहे हैं। हम दिल्ली के जमींदारों को खुश करने की उनकी मजबूरी को समझते हैं, क्योंकि उनके प्रमोटर और कंपनियों पर जाँच के मामले चल रहे हैं।”
आगे TMC ने लिखा, “हम यह भी साफ़ कर रहे हैं करते हैं और पश्चिम बंगाल के लोगों से अनुरोध करते हैं कि वे इन प्लेटफार्म पर बहसों में पार्टी समर्थक दिखाए जाने वाले लोगों से भी गुमराह ना हों। यह लोग पार्टी स्वर बोलने के लिए अधिकृत नहीं हैं, और हमारे आधिकारिक रवैये का प्रतिनिधित्व नहीं करते हैं।”
TMC ने यह फैसला क़ानून-व्यवस्था और अन्य मोर्चे पर बंगाल सरकार की विफलता पर प्रश्न उठाए जाने के बाद लिया है। अगस्त महीने में कोलकता के RG कर मेडिकल कॉलेज में एक महिला डॉक्टर से रेप और हत्या का मामला सामने आने के बाद TMC सरकार प्रश्नों के घेरे में आ गई थी।
भाजपा ने टीएमसी पर किया कटाक्ष
भाजपा ने भी ममता बनर्जी की पार्टी के इस फैसले पर कटाक्ष किया है। बंगाल भाजपा ने लिखा, “टीएमसी हमेशा तानाशाही करती रही है और अभिव्यक्ति की आजादी का विरोध करती रही है। पश्चिम बंगाल में तीन लोकप्रिय समाचार चैनलों- टीवी9, रिपब्लिक और एबीपी आनंदा का बहिष्कार करने का उनका फैसला हमारी बात सिद्ध करता है।”
भाजपा ने कहा, “यह फैसला किसी सिद्धांत का नतीजा नहीं है, क्योंकि ममता बनर्जी और उनकी पार्टी के पास कोई सिद्धांत हैं ही नहीं, बल्कि बढ़ती निराशा और सच्चाई का सामना करने में असमर्थता है। TMC सच्चाई से डरती है। लेकिन सच्चाई को रोका तो जा सकता है, उसे हराया नहीं जा सकता।”
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