नयी दिल्ली। भारतीय किसान युनियन के नेता राकेश टिकैत ने तीनों विवादास्पद कृषि कानूनों को वापस लेने का विधेयक लोकसभा में पारित होने के बाद सोमवार को कहा कि बाकी मांगों को लेकर किसान युनियनों का आंदोलन जारी रहेगा और आंदोलन की नयी रूप रेखा चार दिसंबर के बाद तय की जायेगी। उन्होंने कहा कि फिलहाल किसान राजधानी की ओर ट्रैक्टर मार्च नहीं निकालेंगे। लोकसभा में तीनों विवादास्पद कृषि कानूनों – कृषक उपज व्यापार एवं वाणिज्य (संवर्धन और सरलीकरण) अधिनियम 2020, कृषक (सशक्तीकरण एवं संरक्षण) कीमत आश्वासन और कृषि सेवा पर करार अधिनियम 2020 तथा आवश्यक वस्तु (संशोधन) अधिनियम 2020 के निरसन के लिये कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर प्रस्ताव को सदन ने बिना बहस के पारित कर दिया।
इस खबर के बाद संवाददाताओं से बात करते हुये किसान नेता टिकैत प्रसन्न दिख रहे थे लेकिन उन्होंने कहा कि अभी दूसरे मुद्दें बाकी हैं। उन्होंने कहा, ‘न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) पर कानूनी गारंटी मिलने तक आंदोलन चलता रहेगा।’ आगे के आंदोलन के तौर तरीके के बारे में सवालों पर आज ट्रैक्टर रैली नहीं निकाली जायेगी, आगे की रूप रेखा चार दिसंबर को तय होगी।
यह पूछे जाने पर यदि बाकी संगठन आंदोलन उठाने का फैसला करते हैं तो आपका क्या रूख होगा, टिकैत ने कहा, ‘हमारे सामने किसान युनियन की ओर से अभी इस तरह की कोई बात नहीं आयी है।’ उच्चतम न्यायालय ने कहा था कि इस मसले को किसान युनियनें और सरकार मिलकर तय करें। किसान नेता ने उम्मीद जतायी की बात सामाधान की ओर बढ़ेगी।