- वन विभाग ने माइक से ग्रामीणों को किया आगाह
झाड़ग्राम (न्यूज़ एशिया) : झाड़ग्राम जिले के बिनपुर दो प्रखंड के बेलपहाड़ी थाना अंतर्गत बांसपहाड़ी ग्राम पंचायत के अमझरना, अमलासोल और कंकराझोर इलाकों में सुबह बाघ के पैरों के निशान देखे जाने से पूरे इलाके में दहशत फैल गई।
वन विभाग के अधिकारी और कर्मचारी तुरंत घटनास्थल पर पहुंच गए। वहीं, झारग्राम वन विभाग की भुलवेदा रेंज की टीम ग्रामीणों को क्षेत्र में सतर्क रहने के लिए माइक्रोफोन का इस्तेमाल कर रही है।
वन विभाग ने ग्रामीणों से सतर्क रहने की अपील करने के साथ ही जंगल में प्रवेश करने पर रोक लगा दी है।
वन विभाग ने यह भी बताया कि झारखंड राज्य की सीमा से लगे जंगल में बाघ के पदचिह्न देखे गए हैं, इसलिए स्वयं भी सावधान रहें और दूसरों को भी सावधान रहने के लिए प्रेरित करें।
एक ओर घने कोहरे के बीच बेलपहाड़ी थाना अंतर्गत जंगल में बाघ के लौट आने से ग्रामीण चिंतित हैं। घर के पशुओं को आंगन में बांधना पड़ा।
इसलिए झारग्राम वन विभाग ने मौके पर जाकर स्थिति की निगरानी शुरू कर दी है। बागड़ी पुरुलिया वलियाका पहाड़ियों से झारखंड राज्य के घाटशिला वन क्षेत्र में प्रवेश किया था, जहां से सुबह वह बेलपहाड़ी थाना के झारखंड सीमा में वापस आ गया।
वन विभाग के सूत्रों के अनुसार बाघ के दोबारा प्रवेश की खबर मिलते ही झाड़ग्राम वन विभाग के डीएफ ओ उमर इमाम और अन्य अधिकारी मौके पर पहुंचे।
उल्लेखनीय है कि बाघिन जीनत के पकड़े जाने के बाद 12 जनवरी को झारखंड राज्य के चांडिल वन क्षेत्र से एक नर बाघ बेल पहाड़ी जंगल में प्रवेश कर गया था, तथा उसके बाद बेलपहाड़ी जंगल से नर बाघ झारखंड राज्य के राइका पहाड़ जंगल में प्रवेश कर गया था।
पुरुलिया जिले के बंदोवन पुलिस स्टेशन में मामला दर्ज किया गया है। यह 20 जनवरी को पुरुलिया के राइका पहाड़ियों के जंगलों से झारखंड राज्य के जमशेदपुर वन प्रभाग के घाटशिला वन क्षेत्र में प्रवेश किया।
महज चार दिन रहने के बाद बाघ झारखंड राज्य के घाटशिला वन क्षेत्र से झाड़ग्राम वन प्रभाग के बेलपहाड़ी जंगल में वापस लौट आया।
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