चित्रकूट। उत्तर प्रदेश में पौराणिक नगरी चित्रकूट में सोमवार को कार्तिक पूर्णिमा के अवसर पर तीन लाख से अधिक श्रद्धालुओं ने मंदाकिनी नदी में डुबकी लगाकर आदिदेव शंकर की पूजा अर्चना की और कामदगिरि की परिक्रमा लगाई। रामघाट में भरत मंदिर के महंत दिव्य जीवन दास ने बताया कि कार्तिक पूर्णिमा में स्नान करने एवं भगवान भोलेनाथ में जल चढ़ाने से मोक्ष की प्राप्ति होती है एवं जीवन में सुख समृद्धि आती है। आज के दिन किया जाने वाला दान का लाभ कई गुना अधिक बढ़ जाता है।
चित्रकूट में आने वाले श्रद्धालुओं की संख्या दिन प्रतिदिन बढ़ती जा रही है। संतोषी अखाड़ा के श्री महंत राम जी दास महाराज ने बताया कि चित्रकूट में श्रद्धालुओं की संख्या बीते तीन वर्षों में दो गुना से ज्यादा हो गई है। चित्रकूट की सीमा उत्तर प्रदेश एवं मध्य प्रदेश मैं पड़ती है लेकिन मध्य प्रदेश में पड़ने वाले चित्रकूट का समुचित विकास नहीं हो पाया है।
जबकि उत्तर प्रदेश में पडने वाले चित्रकूट की सीमा का भरपूर विकास हुआ है। उन्होंने चिंता जताई है कि मध्य प्रदेश के हिस्से में विकास की दृष्टि से अब प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को ध्यान देना होगा क्योंकि मध्य प्रदेश में रहने वाले श्रद्धालुओं को कई तरह की समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है।