वन्तारा सेंटर में आयोजित वन्यजीव संरक्षण पर आधारित तीन दिवसीय कार्यक्रम संपन्न

काली दास पाण्डेय, मुंबई। रिलायंस ग्रुप द्वारा संचालित, जामनगर रिफाइनरी कॉम्प्लेक्स के ग्रीन बेल्ट के भीतर 3,000 एकड़ में फैला वन्तारा सेंटर में देश के चर्चित उद्योगपति मुकेश अंबानी के पुत्र अनंत भाई अंबानी द्वारा पिछले दिनों आयोजित वन्यजीव संरक्षण पर आधारित तीन दिवसीय कार्यक्रम संपन्न हुआ। इस कार्यक्रम में भारत भर के 45 प्रतिष्ठित कॉलेजों के 132 छात्रों ने वन्यजीव संरक्षण की दिशा में कार्य करने हेतु प्रशिक्षण दिया गया। चार बैचों में विभाजित, इन छात्रों को वन्य जीवन और पर्यावरण के बारे में जागरूकता और शिक्षा बढ़ाने पर केंद्रित एक व्यापक कार्यक्रम में शामिल होने के लिए तैयार किया गया था।

कार्यक्रम में शामिल छात्रों ने एक सावधानीपूर्वक तैयार किए गए कार्यक्रम का अनुभव किया जो उन्हें सुविधा और इसके कामकाज से परिचित कराने और वन्यजीव बचाव और संरक्षण में प्रभावशाली करियर के लिए तैयार करने के लिए डिज़ाइन किया गया था। इन छात्रों ने शैक्षणिक उत्कृष्टता और नेतृत्व क्षमता के शीर्ष क्षेत्रों का प्रतिनिधित्व किया, जिन्हें समूह चर्चा और व्यक्तिगत साक्षात्कार से जुड़ी एक कठोर चयन प्रक्रिया के माध्यम से चुना गया था, और उन्होंने आरसीपी घनसोली, जियो वर्ल्ड कन्वेंशन सेंटर और नीता मुकेश अंबानी सांस्कृतिक केंद्र सहित अन्य रिलायंस कार्यालयों का दौरा भी किया था।

अनंत भाई अंबानी के संरक्षण में वन्तारा सेंटर वन्यजीव संरक्षण पर अन्वेषण और अंतर्दृष्टि प्राप्त करने के लिए अभयारण्य में शीर्ष एमबीए छात्रों की मेजबानी करता है। वन्यजीवों की भलाई के प्रति गहरी प्रतिबद्धता से प्रेरित होकर, अनंत भाई अंबानी ने खुद को उन अग्रणी पहलों के लिए समर्पित कर दिया है जो प्राकृतिक दुनिया के साथ हमारे संबंधों को फिर से परिभाषित करते हैं। वन्तारा सेंटर इस प्रतिबद्धता का प्रमाण है। यहीं पर त्यागे गए जानवरों और लुप्तप्राय प्रजातियों को सांत्वना और अभयारण्य मिला है।

विदित हो कि वन्तारा सेंटर भारत और विदेश दोनों में घायल और खतरे में पड़े जानवरों के बचाव, उपचार, देखभाल और पुनर्वास पर ध्यान केंद्रित करने की एक व्यापक पहल है। वनतारा, भारत में अपनी तरह का पहला इनिशिएटिव है, जहां जानवरों की पूरी देखभाल की सुविधा है। वन्यजीवों के संरक्षण के लिए लुप्त होने के कगार पर पहुंच गए बेजुबानों का रेस्क्यू कर इलाज किया जाता है। इलाज पूरा हो जाने के बाद उनका पुनर्वास भी किया जाता है।

बकौल अनंत अंबानी वन्तारा प्रोजेक्ट को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर मान्यता मिल चुकी है। इस प्रोजेक्ट के तहत अभी तक 200 से भी ज्यादा घायल हाथियों को बचाया जा चुका है। देश के किसी भी हिस्से में घायल हाथी पड़ा हो, उसे जामनगर के वन्तारा सेंटर में लाने का प्रयास किया जा रहा है। यहां घायल हाथियों की सेवा की जाती है। उसका समुचित इलाज किया जाता है। एक तरह से कहिए कि यह कोई प्राणी उद्यान नहीं बल्कि बेजुबान जानवरों का सेवालय है।

तभी तो 600 एकड़ क्षेत्र को तो सिर्फ हाथियों के लिए विकिसत किया गया है, उनके प्राकृतिक आवास के तौर पर। हमारी प्राथमिकता पीड़ित जानवरों की भलाई है। वन्यजीव शिक्षा और बचाव प्रयासों के लिए समर्पित हमारा आगामी प्रोजेक्ट ‘प्राणी उद्यान’ जल्द ही आगंतुकों का स्वागत करेगा। यह एक गैर-लाभकारी उद्यम होगा, जो लुप्तप्राय वन्यजीव प्रजातियों के संरक्षण पर केंद्रित होगा।

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