They tied Rakhi to elephants and took an oath to protect them, expressed grief over the death of a pregnant elephant

हाथियों को राखी बांध कर ली रक्षा की शपथ, गर्भवती हथिनी की मौत पर जताया दुख

जलपाईगुड़ी (न्यूज़ एशिया): आज देश के बाकी हिस्सों के साथ-साथ पूरे पश्चिम बंगाल में रक्षाबंधन त्योवहार मनाया जा रहा है। मगर झाड़ग्राम जिले और जलपाईगुड़ी  में यह त्यौहार जंगल में रहने वाले लोगों ने हाथियों के साथ भी मनाया। एक गर्भवती हथिनी की मौत से दुखी लोगों ने गजराजों को राखी बंधा गया और  जंगल में उनकी रक्षा करने की कसम ली।

झारग्राम में एक गर्भवती हथिनी की मौत हो गई थी। बृहस्पतिवार को पश्चिम बंगाल के झाड़ग्राम जिले में एक हाथी की मौत हो गई थी। छह हाथी बृहस्पतिवार सुबह राज कॉलेज कॉलोनी में घुस गए और कुछ दीवारों को तोड़ दिया। कुछ घंटों बाद, झुंड में से एक अन्य हाथी ने कॉलोनी के एक बुजुर्ग निवासी को मार डाला।

जैसे ही हाथियों ने उत्पात मचाया, लोहे की छड़ों और जलती मरशालों से लैस एक ‘हुल्ला’ टीम उन्हें भगाने के लिए वहां पहुंच गई। पशु प्रेमी ने दावा किया कि स्थानीय लोगों ने संकेत दिया कि हुल्ला टीम वन विभाग की जानकारी में वहां हाथियों को भगाने आई थी।  इनके द्वारा नुकीली छड़ों का उपयोग करने और आग के गोले फेंकने से एक गर्भवती हथिनी की मौत हो गई थी।

इससे सभी दुखी हैं जलपाईगुड़ी जिले के गोरुमारा राष्ट्रीय उद्यान के रामसाई में हाथियों को राखी पहना कर उनके रखा की शपथ ली गई।

इस संदर्भ में पर्यावरण कार्यकर्ता अनिर्बान मजूमदार ने कहा कि झाड़ग्राम में जिस तरह से हथिनी की हत्या की गयी, उसका पुरजोर विरोध करते हुए दोषियों को सजा देने की मांग करते हुए कहा कि हम पिछले सात वर्षों से राखी बंधन के दौरान राखी बांध कर हथिनी की रक्षा करते आ रहे हैं। हाथियों और इंसानों के बीच संघर्ष के बारे में जागरूकता बढ़ाने के लिए त्योहार की शपथ ली जाती है।

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